हम इश्क़ में वफ़ा करते करते बेहाल हो गए, और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए।
जब आपको बिना गलती के सजा मिले, तो उसे Bewafai कहा जाता है।
मुझे बेवफाई नहीं चाइये थी, मुझे धोका नहीं चाइये था, मुझे तो बस थोड़ा सा प्यार चाइये था!!
हमको दिल से भी निकाला गया, फिर शहर से भी, हमको पत्थर से भी मारा गया, और जहर से भी !
तेरी बेवफाई का गम तो नहीं, मगर तू बेवफा है दुःख ये भी कम नहीं !
यह ठीक है, आपको अपना वफा नहीं मिला, मैं प्रार्थना.करूंगा कि.आपको कोई बेवफा न मिले।
दिल.मारने.वाले आंखों से रोते नहीं हैं, जो अपने नहीं बने हैं वो किसी के नहीं बने हैं, वक्त हमेशा हमें सिखाता है कि सपने टूटे हैं लेकिन पूरे नहीं होते।
जब मैंने.शायरी की दुनिया में.कदम रखा तो.पता चला, दुख की महफिल में भी वाह। वाह।। यह बोला जा रहा है।
समय आने पर समय पर जवाब न देने वालों का क्या समर्थन होगा?
मुझे.अपनी.भावनाओं.की सराहना भी पसंद है, मैं किसी को हर दिन आने और शिकार करने का जोखिम कैसे उठा सकता हूं!
कुछ टूटने की खबर आंसू है, हमारे जीवन का अखबार आँसू है। घटनाएं सभी हल्की हैं, फिर भी भारी आँसू निकल रहे हैं।
संदेश” में नहीं बल्कि “स्थिति” के साथ, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितना नाराज है, वह इसे हर दिन याद करता है।
मैं अपनी डायरी के पेज पर जो लिखा है उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में भी नहीं हूं…
रूक जाती है सारी शिकायतें इन होंठो तक आकर, जब मासूमियत से वो कहते है अब मैंने क्या किया.
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक बार आ जाओ, तक़ल्लुफ़ से बनावट से अदा से चोट लगती है.
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी.
इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है, देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है, मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी, पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी.
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं, तुम मंजिल की बात करते हो लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं.
मोहब्बत की भी देखो कैसी अजब सी कहानी है, ज़हर पीया था मीरा ने दुनिया राधा की दीवानी है.
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की, अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की, तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था, हमारी आदत छूट गयी मनाने की.
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हें दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.
कोई मिला ही नहीं जिसको वफा देते, हर एक ने दिल तोड़ा किस-किस को सजा देते.
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं, कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं, जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई, वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
बहुत दर्द देती है आज भी वो यादें, जिन यादों में तुम नजर आते हो.
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे, हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़ जाएँगे, जितना जी चाहे सतालो यारो, एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे.
अब मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को, जो थी वो मैं रही नहीं जो हूँ वो किसी को पता नहीं.
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी.
उन्हें ज़िद है कि मैं हँसते हुए रुखसत करूं उनको, मुझे डर है तुम्हारी आँख भर आई तो क्या होगा.
जहाँ पर नफरतों के खुरदरे दस्तूर होते हैं, वहाँ पर प्यार के किस्से बहुत मशहूर होते है, ये रिश्तों के उजालों में चमकते और बुझते हैं, कहीं ये अश्क होते हैं कहीं सिन्दूर होते हैं.
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया, इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया, जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम, दिल का सौदा किया बेवजह किया.
तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया.
दिल भर ही गया है तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफाओ पर कोई मुकदमा थोड़े होता है.
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया, पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया.
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा, तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है.
जख्मों को हमने खुद ही सिना सीख लिया है, जीते है कैसे हमने जीना सीख लिया है, अक्सर जो बहते रहते थे आंखों के रास्ते, हमने भी उन अश्कों को पीना सीख लिया है.
ये प्यार था,कशिश थी,या बस फरेब कोई, किस्मत में दूरियों के भी इंतजाम थे, अब दूर तुमसे रह के महसूस ये हुआ, मंज़िल नहीं थे तुम भी बस इक मकाम थे.
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया, मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से.
याद करेंगे तो दिन से रात हो जायेगी, आईने को देखिये हमसे बात हो जायेगी, शिकवा न करिए हमसे मिलने का, आँखे बंद कीजिये मुलाकात हो जायेगी.
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा.
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना, मैं नहीं चाहता कि वो खेलना छोड़ दे.
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल, साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो.
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी.
क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए, क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए, हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को, बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए.
तुम समझ लेना बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा, ये वजह अच्छी होगी, एक दूसरे को भूल जाने के लिये.
है वो बेवफा तो क्या हुआ मत कहो बुरा उसको, जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको.
मजाक तो मैं बाद में बना, पहले तो उसने मुझे अपना बनाया था.
इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा, फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई.
वो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुत, साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता.
एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो, मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं, अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर, यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं.
मौसम भी इशारा करके बदलता है, लेकिन तुम अचानक से बदले हो हमें यकीन नहीं आता.
उसके चले जाने के बाद हम महोबत नहीं करते किसी से, छोटी सी जिन्दगी है किस किस को अजमाते रहेंगे.
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने, जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने.
मौत के बाद याद आ रहा है कोई, मिट्ठी मेरी कबर से उठा रहा है कोई, या खुदा दो पल की मोहल्लत और दे दे, उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई.
नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब, यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी.
मत गिरा अपने झूठे इश्क के आसूं मेरी कबर पर, अगर तुझ में वफा होती तो आज जिन्दगी हमसे यूँ खफा ना होती.
काश कोई अपना संभाल ले मुझको, बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह.
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे, इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे, उनसे क्या गिला करें भूल तो हमारी थी जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे.
उदास लम्हों की न कोई याद रखना, तूफ़ान में भी वजूद अपना संभाल रखना, किसी की ज़िंदगी की ख़ुशी हो तुम, बस यही सोच तुम अपना ख्याल रखना.
हर तरफ से कटा पड़ा हूँ मैं, चीथड़ों में बेबस सा सिमट रखा हूँ मैं, क्या गुनाह किया इश्क़ करके मैंने, जो तुम्हारी दुनिया में मरा पड़ा हूँ मैं.
एक बात पूछें तुमसे जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें, जो इश्क़ हमसे सीखा था अब वो किससे करते हो.
उसने जी भर के मुझको चाहा था, फ़िर हुआ यूँ के उसका जी भर गया.
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है.
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो.
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे.
छोड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में, चल दिए रहने वो औरों की पनाहों में, शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आई, तभी तो सिमट गए वो गैर की बाहों में.
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है.
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी, हम बदले तो बेवफ़ा हो गए.
याद रहेगा हमेशा यह दर्दे बेवफाई हमको भी, कि क्या खूब तरसे थे जिंदगी में एक शख्स की खातिर.
प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना, अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना, वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे, पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना.
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने. पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई, बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया.
आज धोखा मिला है इश्क में मेरा दिल टूट सा गया है, ऐसा लग रहा है जैसे किसी का साथ छूट सा गया है.
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार में तेरे, वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था.
वह रोयी तो होगी खाली कागज देखकर, पूछा था उसने अब कैसे गुजर रही है जिंदगी.
सर झुकाने की आदत नहीं है, आँसू बहाने की आदत नहीं है, हम खो गए तो पछताओगे बहुत, क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है.
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई मकसद का तलबगार मिला.
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई, अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी.
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया, गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया.
ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने, ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने, जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने.
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए.
तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता, काश तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती.
कोई मिला ही नहीं जिसको वफा देते, हर एक ने दिल तोड़ा किस-किस को सजा देते.
उन्हें ज़िद है कि मैं हँसते हुए रुखसत करूं उनको, मुझे डर है तुम्हारी आँख भर आई तो क्या होगा.
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी.
बहुत दर्द देती है आज भी वो यादें, जिन यादों में तुम नजर आते हो.
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया, इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया, जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम, दिल का सौदा किया बेवजह किया.
जहाँ पर नफरतों के खुरदरे दस्तूर होते हैं, वहाँ पर प्यार के किस्से बहुत मशहूर होते है, ये रिश्तों के उजालों में चमकते और बुझते हैं, कहीं ये अश्क होते हैं कहीं सिन्दूर होते हैं.
अब मत खोलना मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को, जो थी वो मैं रही नहीं जो हूँ वो किसी को पता नहीं.
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे, हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़ जाएँगे, जितना जी चाहे सतालो यारो, एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे.
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं, कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं, जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई, वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क, पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह.
रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को ए दुनिया वालो, मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या गुनाह.
इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है, कुछ लोग बहुत तकलीफ देते है, अक्सर अपना बनाकर.
हाथ पकड़कर रोक लेते अगर तुझ पर जरा भी जोर होता मेरा, ना रोते हम यूं तेरे लिए अगर हमारी जिंदगी में तेरे सिवा कोई और होता.
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली, इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली.
क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों, वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए.
हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर.
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम, हमने हर दम बेवफाई पायी है, मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान, हमने हर चोट दिल पे खायी है.
बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले, बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं.
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