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वो मेरा साथ छोड़ किसी और का हाथ थामे चल दिया अब फिर भी बताऊँ कि कौन बेवफा था।
देख मेरी खता मैं क्या चाहता हूँ, ऐ बेवफा तुझसे वफा चाहता हूँ।
गलती तुम्हारी नहीं है, हद से ज्यादा मोहब्बत, लोगो को बेवफ़ा बना देती है।
हमने उन्हें वफा का आइना क्या दिखाया, उन्होंने तो हमे ही बेवफा कह दिया।
मोहब्बत दो लोगो के बीच का नशा है, जिसे पहले होश आ जाए वो बेवफा हैं।
सुना है वो दिल लगाने से बहुत डरता है, क्या अभी भी वो उस बेवफ़ा से बहुत प्यार करता है।
जब जब तेरी याद पास आती है मैं तेरे दिए धोखे और बेवफ़ाई को याद कर लेता हूँ।
फिज़ाओं में फिर बेवफाई की महक घुली है, शायद मेरा प्यार लौट कर शहर आया है।
बेवफ़ा कहूँ भी उसे कैसे, दूर होकर भी रोज़ वो मेरे सपने में आती है।
बेवजह कोसते रहे हम उन्हें बेवफा कहकर, शायद हमारी ही वफ़ा में कोई कमी रह गयी होगी।
तेरे इश्क का मुझको तोहफ़ा लाजवाब मिला, मोहब्बत बखूबी निभाई मैंने फिर भी बेवफा का खिताब मिला।
बेवफाओं का शोर है यहाँ और, तुम कहते हो,उल्फत है मुझसे।
अक्सर हम जिसे पसंद करते हैं, वो नींद उड़ा देते हैं, कोई वफ़ा कर के तो कोई बेवफा कर के।
बेवफाई तो सब करते है पगली, तु तो समजदार थी कुछ नया कर लेती।
वफा की तलाश में जिंदगी तमाम हुई, फिर भी बेवफा से ही मेरी मुलाकात हुई।
वो बेवफ़ा है तो क्या मत कहो बुरा उसको, के जो हुआ सो हुआ हमेशा खुश रखे ख़ुदा उसको।
वक़्त भी बेबस है आज, वफ़ा की रात नहीं कट रही और बेवफा खुश है इस रात से।
चलो कुछ नई शुरुआत करते हैं तुम हमें बेवफा समझना हम दिल ही दिल में तुमसे प्यार करते हैं।
मोहब्बत करने वालों को वक्त कहा जो गम लिखेंगे, ए दोस्त कलम इधर लाओ इन बेवफाओं के बारे में हम लिखेंगे।
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है, वफ़ा करके भी देखो बेवफाई मिली है।
अगर करना हो इश्क मुकम्मल तो एक बात शुमार कर लो, इन बेवफाओं से अच्छा तुम खुद से ही इश्क कर लो।
जो कहते हैं वो कभी किया नहीं करते, वो बेवफा है साहब… किसी पे मरा नहीं करते।
बेवफा मत कहो उसे यारो, बेवफ़ाई भी बुरा मान जाएगी।
अंधेरो भरे इस शहर में रौशनी ढूंढने निकले थे, एक बेवफा को खोकर दूसरे को मिलने निकले थे।
इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएं, क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएं।
खुदा भी कमाल करता है, वफ़ा को बेवफ़ाई का तोहफ़ा इनाम में देता है।
मै तो हूँ बेवफा ये सारा जमाना कहता है, एक बार दिल लगा के देख ये एक दिवाना कहता है।
तेरी एक तस्वीर संभाल कर रखी है आज भी, बे-वफाई की एक बेहतरीन मिसाल हो तुम।
महफ़िल बेवफाओं की लगती है, वफ़ाओं को कौन याद रखता है।
जिसे दिल से चाहा वो ही मुझसे खफा है, मै ताज बनाऊ किसके लिए मेरी मुमताज बेवफ़ा है।
बगैर मेरे खुश हो तुम तो उदास हम भी नही, वफादार तुम नही तो बेवफा हम भी नही।
इन्तहा हुई ही थी मोहब्बत की, कि उन्होंने बेवफ़ाई का तजुरबा दे दिया।
ख़ुदा से हर रोज़ बस तेरी दुआ माँगते हैं, तू बेवफा नहीं थोड़ा ख़फ़ा है मुझसे ये हम जानते हैं।
मुझे पता है कि वह बेवफा है, मगर मुझे भी दिल लगा कर देखना है।
तेरी बेवफ़ाई भी क्या कमाल कर गयी, एक मसरूफ शक़्स को भी शायर बन गयी।
बेवफा भी पूछता है मुझसे कब तक यूं वफा करोगे, रब भी रूठ जाएगा मुझसे कब तक उसे ख्फा करोगे।
आज फ़र्ज़ जब उनसे निभाये न गये, तो बेवफ़ा कहकर वो मुझे बदनाम करने लगे।
वफा की उम्मीद भी हमको उनसे है, जो बेवफाओं में शुमार है।
अब किसी से कोई ताल्लुक नहीं मेरा, सब के लिए बेवफा हु मै।
हर रोज़ पढ़ रहा हूं उनके वो पुराने ख़त जनाब, और वो हमें सरेआम बेवफ़ा क़रार कर चुके हैं।
इच्छाएं बड़ी बेवफ़ा होती हैं, पूरी होते ही बदल जाती हैं।
बेवफाओ की दुनिया मे वफा किस काम की, नशा है यार का फिर जरूरत क्या है जाम की।
आज कल पढ़ रहा हूं इश्क़ की किताब मेरे दोस्तो, अगर वकील बन गया तो बेवफाओं की खैर नहीं।
तेरे आने से पहले तेरे कदमों की आहट जान लेते हैं, ऐ बेवफा हम आज भी तुझे दूर से ही पहचान लेते है।
वफा के किस्से अक्सर वही लोग सुनाते हैं, जिनके खुद के हाथ बेवफाई से रंगे होते हैं।
वो बेवफा है ये जान कर भी उस से प्यार किया है मैंने, ऐसे गलत लोगो पर बहुत वक़्त बर्बाद किया है मैंने।
सज़दा आज भी करता हूं उस बेवफा के मिलने पर धोखेबाजी की तालीम जो ली है मैंने उससे।
चाहनेवालो को चाहत मिलती नहीं यहां, बेवफाओं के नसीब बहुत अच्छे हैं यहां।
ऐसी भी कौन सी खताह हो गयी, रात भी खाबों से बेवफ़ा हो गयी।
उँगलियाँ आखिर उठती रही और इलज़ाम भारी होते गए, निकले बेवफा वो आसूँ भी जिनमें जिंदगी हम भिगोते रहे।
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