
कोई देखे नही आशिकी उम्र भर मनाती रही मै नाखुशी इस कदर नाम उसका लबों पर ना आया कभी यूँ निभाती रही आशिकी उम्र भर।

फ़ुलो के साथ कांटे नसीब होते है, खुशी के साथ गम भी नसीब होता है यु तो मजबुरी ले डुबती हर आशिक को वरना खुशी से बेवफ़ा कौन होता है।

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको चलो ऐसा करो भूला दो मुझको तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये दिल की गहराई से ऐसीदुआ दो मुझको।