Aansu is a Hindi word that translates to “tear” in English. Tears are the moisture that accumulates in the eyes and is released in response to various emotions, such as sadness, happiness, anger, or even physical irritation. Physiologically, tears are produced by the lacrimal glands and spread across the eye’s surface with blinking. There are three types of tears: basal tears, which moisturize the eyes; reflex tears, triggered by irritants; and emotional tears, linked to intense emotions. Tears serve several crucial functions, including lubrication, protection against infections, and maintaining vision clarity. They are also culturally significant, often associated with vulnerability, emotional connection, or relief. Emotional tears can offer psychological or physiological benefits, providing emotional release and aiding in stress alleviation. Tears are a common form of nonverbal emotional communication and have been depicted and discussed in various art forms throughout history. It’s essential to note that excessive tear production or chronic dry eyes might indicate underlying health conditions, so it’s advisable to seek professional advice for any concerns.Aansu represents the essence of human vulnerability, the overflow of emotions that cannot be contained within the confines of the heart. It is the physical manifestation of inner turmoil, of joy, heartbreak, and all the intricate shades of human experiences. Aansu expresses the soul’s longing, pain, and immense depths of love. The salty drops stream down our cheeks, carrying with them the weight of unspoken words, untold stories, and a profound connection to our humanity. Aansu transcends language and culture, communicating emotions that words alone often fail to express. It reminds us of our shared human experiences, uniting us in our joys and sorrows, and reminding us of the beauty and fragility of life.
जब-जब मुझे तू याद आता हैना जाने क्यू मुझे अँधेरा बहुत भाता हैशायद इसलिए कि कोई देखे ना मेरे आंसूक्यूंकि ख्याल तेरा मुझे बेहद रुलाता है .
कोई दुःख बसा है उनकी आँखों में शायद,या मुझे खुद ही वहम सा हुआ है शायद,जब पूछा क्या भूल गए हो हमे तुम,पोंछ कर आँसू अपनी आँख से उसने भी कहा शायद।
तुझे बचपन मेँ ही मांग लेते..हर चीज मिल जाती थी…दो आँसू बहाने से..!!!
बहुत अंदर तक तबाही मचाता हैं,वो आँसू जो आँख से बह नहीं पाता|
आँसू भी मेरी आँख के अब खुश्क हो गए,तू ने मेरे खुलूस की कीमत भी छीन ली।
आंसुओं का जब बहना होता है,मेरे दिल का तब ये कहना होता है.कि क्यू मै तुझे इतना हुआ चाहता,कि इक ख्याल ही तेरा मुझे बेहद रुलाता.
दिल में हर राज़ दबा कर रखते हैं,होंठों पे मुस्कुराहट सज़ा के रखते हैं,यह दुनिया सिर्फ ख़ुशी में साथ देती है,इसलिए हम अपने आँसुओं को छुपा कर रखते हैं।
कैसे हो पाये भला इंसान की पहचान ?दोनों नकली हो गए, आँसू और मुस्कान..!!
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया,आँखो में आँसू भरे थे पर मै रो नहीं पाया,एक दिन उन्होने कहाँ कि हम मिलेगे ख्वाबो में,पर मेरी बदकिस्मती तो देखिए उस रात मैं,खुशी के मारे सो नहीं पाया.
वो अश्क़ बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।
किसी के बहते आसुओं को पोछोगे,तभी खुद का दर्द भूलकरदुसरो के दर्द की सोचोगे..
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है,वो आँसू, जो आँख से बह नहीं पाता।
डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में,मैं नहीं मानती आँसू.. ज़रा सा पानी है
आँखो में आँसू और दिल में कुछ अरमान रख लो,लम्बा सफर हैं मोहब्बत का जरुरी सामान रख लो.
सोचा ही नहीं था ज़िन्दगी मेंऐसे भी फसाने होंगे,रोना भी जरुरी होगाआँसू भी छुपाने होंगे।
लोगो की बातों को,दिल से ना लगाना.इनको तो बस आता है,दूसरों का दिल दुखाना.
मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता,मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे,अब इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
“ज़िन्दगी की ग़ज़ल के शेरों का ?आखिरी तर्ज़ुमा तो आँसू है…!”
होगा अफसोस जब हम ना होगे,तेरी आँखों से आँसू कम ना होगे,बहुत मिलेगे तेरे अरमानो से खेलने वाले,लेकिन उस वक्त तेरी परवाह करने वाले हम ना होगे|
दो चार आँसू ही आते हैं पलकों के किनारे पे,वर्ना आँखों का समंदर गहरा बहुत है।
इतना तो कभी ना रोये थे,जितना तुमने रुला दिया,ना जाने क्यू याद आते हो,जबकि हमने तुम्हे कबका भुला दिया.
दिल की बात होंठो पर लाकर अब तक हम दुःख सहते हैं,हम ने सुना था इस ज़माने में दिल वाले भी रहते हैं,बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं,लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं।
दर्द कितना है बता नहीं सकते,ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते,आँखों से खूद समझ लो आँसू गिरे हैंकितने गिना नहीं सकते…
आँसू तेरी यादो की कैद में है,तेरी याद आने से इन्हें जमानत मिल जाती हैं|
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़,कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
पिता की आँखे कुछअलग ही हुआ करती हैअश्क भी नहीं बहातीफिर भी दर्द कहा करती है|
चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है,हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है|
मेरी दोस्ती हमेशा याद आएगी कभी चेहरे पे हँसी,कभी आँखो मे आँसू लाएगी भूलना भी चाहोगे,तो कैसे भुलोगे मेरी कोई तो बात होगी जो हमेशा याद आएगी.
तुम करोगी याद एक दिन इस प्यार के जमाने को,चले जाएगे जब हम कभी वापस नहीं आएगे,करेगा महफिल में जब ज़िक्र हमारा कोई,तब आप भी तनहाई ढूढोगे आँसू बहाने को.
हमें आँसुओं से ज़ख्मों को धोना नहीं आता,मिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आता,सह लेते हैं हर ग़म को जब हँसकर हम,तो लोग कहते है कि हमें रोना नहीं आता।
कभी-कभी आंसू ,बहा भी लेना चाहिए,अपने दिल के दर्द को,जता भी लेना चाहिए.
दुपट्टे से अपने वो पोंछता है आँसू मेरे,रोने का भी अपना कुछ अलग ही मज़ा है।
मुस्कुराती आँखों से अफ़साना लिखा था,शायद आपका मेरी ज़िन्दगी में आना लिखा थातक़दीर तो देखो मेरे आँसू की,भी तेरी याद मे बह जाना लिखा था
ज़िन्दगी नहीं हमें दोस्तों से प्यारी,दोस्तों के लिए हाजिर है जान हमारी,आँखों में हमारी आँसू है तो क्या,खुदा से भी प्यारी हैं मुस्कान तुम्हारी..!
इनको न कभी आँख से गिरने देता हूँ,उनको लगते हैं मेरी आँख में प्यारे आँसू।
जब-जब मैंने अपने,दर्द का हिसाब लगाया,तब-तब अपने दर्द को मैंने,माँ के दर्द से कम ही पाया.
क्या लिखूं हकीकत-ए-दिल आरज़ू बेहोस है,खत पर आँसू बह रहे हैं कलम खामोश है।
पल फुर्सतों के ज़िंदगी से छाँट लेते हैं,चलो ना थोडी खुशियाँ,थोडे आँसू बाँट लेते हैं…!
ना जाने कब कोई तारा टूट जाए।ना जाने कब कोई आँसू आँख छूट जाए ।कुछ पल हमारे साथ भी हँस लो।ना जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाए।
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िन्दगी मैंने।
अश्क बहाने से, दिल का दर्द कम तो नहीं होताबस थोड़ी देर के लिए बह जाता है
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें,मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है।
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है!
खुलते भी भला कैसे आँसू मेरे ओरो पर।हँस हँस के जो मै अपनी हालात बताता हूँ।मिलते रहे दुनियां में जो जख़्म मेरे दिल को।उनको भी समझ कर मै सोगात बातता हूँ।
जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क़.यूँ कोई दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े।
जब दर्द सहने की आदत हो जाती हैतो आंसू निकलने खुद-ब-खुद बंद हो जाते है
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ,तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर।
ज़माने से ना पूँछों हाल-ए-दिल, आँसू बयान करते हैं ज़ख़्मों की गहराई ।
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है।हर एक आँसू समंदर नज़र आता हैं।कहाँ रखु मैं शीशे सा दिल अपना।हर किसी के हाथ में पत्थर नज़र आता हैं।
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे,जैसे कोई गम छुपा रहे थे,बारिश में भीग के आये थे मिलने,शायद वो आँसू छुपा रहे थे।
Rone Wale To Dil Mein Hi Ro Lete Hain, Aankho Mein Aansoo Aayein Ye Jaroori To Nahi.
Raah Takte Huye Jab Thak Gayi Meri Aankhein, Fir Tujhe Dhoondne Meri Aankh Ke Aansoo Nikle.
Mujhe Maloom Hai Tumne Bahut Barsaat Dekhi Hai, Magar Meri Inhi Aankhon Se Sawan Haar Jaata Hai.
Taiyar Rehte Hain Aansoo Meri Palkon Pe Aksar, Teri Yaadon Ka Koi Waqt Muqarrar Jo Nahi Hai.
Humein Kya Pata Tha Ye Mausam Yoon Ro Padega, Humne To Aasmaan Ko Bas Apni Dastaan Sunayi Hai.
Aansoo Kabhi Palkon Par Bahut Der Nahi Rukte, Ud Jate Hain Panchhi Jab Shaakh Lachakti Hai.
Aankhon Mein Aansuon Ki Lakeer Ban Gayi, Jaisi Chaahi Thi Waisi Hi Takdeer Ban Gayi, Humne To Chalayi Thi Ret Mein Ungliyan, Gaur Se Dekha To Aapki Tasvir Ban Gayi.
Har Ek Muskurahat Muskan Nahi Hoti, Nafrat Ho Ya Mohabbat Aasaan Nahi Hoti, Aansoo Khushi Aur Gham Ke Hote Hain Ek Jaise, Inn Aansuon Ki Koi Pehchaan Nahi Hoti.
Pyaas Itni Hai Meri Rooh Ki Gehrayi Mein, Ashq Girta Hai To Daaman Ko Jala Deta Hai.
Kam Nahi Hain Aansoo Meri Ankhon Mein Magar, Rota Nahi Ke Unme Uski Tasveer Dikhti Hai.
Bahna Kuchh Apni Chashm Ma Dastoor Ho Gaya, Dee Thi Khuda Ne Aankh Par Nasoor Ho Gaya.
Ye Saaneha Bhi Mohabbat Mein Baar-Ha Gujra, Ke Usne Haal Bhi Poochha To Aankh Bhar Aayi.
Jise Le Gayi Hai Abhi Hawa, Wo Warq Tha Dil Ki Kitaab Ka, Kahin Aansuon Se Mita Hua, Kahin Aansuon Se Likha Hua.
Tere Na Hone Se Zindagi Mein Bas Itni Si Kami Rehti Hai, Main Lakh Muskuraaun Fir Bhi Inn Aankhon Mein Nami Rehti Hai.
Khamosh Rehne Do Lafzon Ko, Aankhon Ko Bayaan Karne Do Hakiqat, Ashq Jab Niklenge Jheel Ke, Muqaddar Se Jal Jayenge Afsane.
Hasne Ki Justju Mein Dabaaya Jo Dard Ko, Aansoo Humari Aankh Mein Patthar Ke Ho Gaye.
Likhna To Tha Ki Khush Hoon Tere Bagair Bhi, Aansoo Magar Kalam Se Pehle Hi Gir Pade.
Socha Hi Nahi Tha Zindagi Mein Aise Bhi Fasaane Honge, Rona Bhi Jaroori Hoga Aansoo Bhi Chhupane Honge.
Saath Bitaai Tere Sang Wo Shaam Suhaani Zinda Hai, Honthh Bhale Hi Sookhe Hon Par Aankh Mein Paani Zinda Hai.
Jinke Pyar Bichhade Hain Unka Sukoon Se Kya Talluq, Unki Aankhon Mein Neend Nahi Aansoo Aaya Karte Hain.
Do Chaar Aansoo Hi Aate Hain Palkon Ke Kinare Pe, Varna Aankhon Ka Samandar Gehra Bahut Hain.
Dekh Sakta Hai Bhala Kaun Ye Pyare Aansoo, Meri Ankhoon Mein Na Aa Jayein Tumhare Aansoo.
Inko Na Kabhi Aankh Se Girne Deta Hoon, Unko Lagte Hain Meri Aankh Mein Pyare Aansoo.
Waapasi Ka Safar Ab Na Mumkin Hoga, Hum Nikal Chuke Hain Aankh Se Aansoo Ki Tarah.
Jab Bhi Gujre Hue Lamhon Ki Yaad Aayegi, Honthh See Lunga Magar Aankh To Bhar Aayegi.
Ek Aah Pe Meri Girte The Jinke Hajaaro Aansoo, Aaj Wo Bhi Mere Zakhmon Pe Muskurane Lage.
Abhi Se Kyun Chhalak Aaye Tumhari Aankh Mein Aansoo, Abhi Chhedi Kahan Hai Daastaan-e-Zindagi Maine.
Jis Tarah Hans Raha Hoon Main Pee Pee Ke Garm Ashq, Yoon Koi Doosra Hanse To Kaleja Nikal Pade.
Jab Lafz Thak Gaye To Phir Aankhon Ne Baat Ki, Jo Aankhein Bhi Thak Gayin To Ashqon Se Baat Hui.
Shayad Tu Kabhi Pyasa Phir Meri Taraf Laut Aaye, Aankhon Mein Liye Firta Hoon Dariya Teri Khatir.
Tapak Padte Hain Aansoo Jab Tumhari Yaad Aati Hai, Ye Wo Barsaat Hai Jis Ka Koi Mausam Nahi Hota.
Kaun Kehta Hai Ke Aashuon Mein Wajan Hai Hota, Ek Bhi Chhalak Jaye To Man Halka Ho Jata Hai.
Yeh Tadap Ye Aansu Mere Raato Ke Saathi Hai… Bas Teri Yaadein Mere Jeene Ke Liye Kaafi Hai!
Woh Ashq Ban Ke Meri Chasm-E-Tar Me Rahta Hai, Ajeeb Shakhs Hai Paani Ke Ghar Me Rahta Hai.
Aankhon Mein Mere Is Kadar Chhaye Rahe Aansoo, Ki Aaeene Mein Apni Hi Soorat Nahin Mili.
Jinki Kismat Mein Likha Ho Rona, Who Muskura Bhi De Toh Aansu Nikal Aate Hai.
Meri Aankhon Mein Aasoon Tujhse Hamdam Kya Kahoon Kya Hai, Thehar Jaaye To Angaara Hai, Beh Jaaye To Dariya Hai.
Wahi Hum The Ki Rote Huon Ko Hansa Dete The, Wahi Hum Hain Ki Thamta Nahin Ek Aansoo Apna.
Muskurane Ki Aarzoo Mein Chhupaya Jo Dard Ko, Ashq Hamari Aankhon Mein Patthar Ke Ho Gaye.
Khud Ke Liye Ek Saza Mukarrar Kar Li Maine! Teri Khushiyo Ki Khaatir Tujhse Dooriyan Chun Li Maine!!
Sadaf Ki Kya Hakikat hai, Agar Usme Na Ho Gouhar, Na Kyun Kar Aabru Ho Aankh Ki Maukuf Aansu Par.
Bah Jati Kaash Yaaden Bhi Aansuon Ke Saath, To Ek Din Ham Bhi Ro Lete Tasalli Se Baith Kar.
Neend Me Bhi Behne Lagte Hai Hamare Aankho Se Aansu! Jab Kabhi Tum Khwaabo Mein Mera Haath Chodh Dete Ho!!
Hamen Maloom Hai Tumne Dekhi Hain Baarish Ki Boonden, Magar Meri Aankhon Se Ye Sawan Aaj Bhi Haar Jaata Hai.
Teri Jubaan Ne Kuchh Kaha To Nahi Tha, Fir Na Jane Kyun Meri Aankh Nam Ho Gayi.
Kya Likhoon Hakeekat-E-Dil Aarazoo Behos Hai, Khat Par Aansoo Beh Rahe Hain Kalam Khamosh Hai.
Jazbaato Ke Khel Mein Muhabbat Ke Saboot Na Maang Humse, Maine Wo Aansu Bhi Bahaye Hai Jo Meri Aankho Mein Na The.
Dupatte Se Apne Wo Ponchhta Hai Aansoo Mere, Rone Ka Bhi Apna Kuchh Alag Hi Maza Hai
Himmat Itni Thi Samundar Bhi Paar Kar Sakte The, Majboor Itne Hue Ki Do Boond Aansuo Ne Doobo Diya..!!
Wo Manjar Hi Mohabbat Mein Bada Dilkash Gujra, Kisi Ne Haal Hi Poochha Tha Aur Aankhen Bhar Aayi.
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.