
वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही, ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है।

कोई आँखों से बातें करता हैं, कोई आँखों से मुलाकाते करता हैं, बड़ा मुश्किल होता हैं जवाब देना, जब कोई चुप रह के सवाल करता हैं।

जब भी हाथ उठे हैं दुआ के लिए, मेरे लबों पे तेरा ही नाम आया, कब से आँख में छुपा के रखा था,तेरे दुःख में आज वही आंसू काम आया।

होठों को छूआ उसने एहसास अब तक है, आँखों में नमी और साँसों में आग अब तक है, वक़्त गुज़र गया पर याद उसकी अब तक है, क्या पानीपूरी थी यार स्वाद अब तक है।