Certainly! “Zid” is a word of Arabic origin that translates to “stubbornness” or “obstinacy” in English. It refers to the quality or characteristic of being determined, unyielding, or persistent in pursuing one’s goals or desires. It can be seen as both a positive and negative trait, depending on the context.
In the context of personal behavior, having a “zid” can indicate strong determination and perseverance, which can be beneficial in achieving success. However, excessive stubbornness or an unwillingness to compromise can lead to conflicts or difficulties in relationships and decision-making.
In artistic and creative pursuits, having a “zid” can be seen as a driving force behind the pursuit of innovative ideas and pushing the boundaries of conventional norms.
Overall, the concept of “zid” reflects a strong resolve and determination to achieve something, often accompanied by an unwavering belief in one’s own abilities and convictions.
The word “zid” primarily translates to “stubbornness” or “obstinacy” in English. It refers to the quality or characteristic of being determined, unyielding, or persistent in pursuing one’s goals or desires. It implies a firm resolution to stick to one’s stance or decisions, often regardless of reason or outside influence. While “zid” can sometimes be seen as a negative trait if it leads to inflexibility or defiance, it can also be viewed positively as a sign of strong will and perseverance.
दिल की अधूरी ख्वाहिशें बड़ा सताती है, इन्हें पूरा करने की जिद सुकून दे जाती है.
तुमसे मिलने की जिद नासमझ दिल की है, इस नादाँ को समझाना भी बड़ा मुश्किल है.
कोई इश्क़ पाने की जिद किये बैठा है, कोई इश्क़ भुलाने की जिद किये बैठा है
इश्क़ और प्यार में कभी कोई जिद मत करना, हालात, मजबूरी और उसके जज्बात को समझना.
जिद करो लक्ष्य को पाने की, तुम क्या हो? इस दुनिया को बताने की.
इंसान एक दिन दुनिया छोड़ देता है, मगर पूरी जिन्दगी जिद नही छोड़ पाता है.
ये दिल तुम्हें खोना चाहता नही, ये जिद करना भी जानता नही.
मेरी जिद को मेरा बचपना मत समझना, रिश्ता तोड़ भी सकता हूँ, तुम्हें छोड़ भी सकता हूँ.
इश्क़ को, प्यार से दिल जीत कर पाते है, जिद करके महबूब को दिल में नही बसाते है.
अगर तेरी जिद है भूल जाने की, फिर जरूरत क्या थी देख कर मुस्कुराने की.
प्यार को प्यार से पाने की कोशिश करो, जिद से जीवन में सफल होने की कोशिश करो.
प्यार करके रोया हूँ, जिद करके खोया हूँ, दिल में दर्द बहुत ज्यादा है इसलिए रजाई ओढ़कर सोया हूँ.
खुद को जीतने की जिद है, मुझे खुद को ही हराना है, भीड़ नही हूँ मैं दुनिया की मेरे अंदर एक जमाना है.
वो तो खुश्बू है हर इक वक़्त उसे बिखरना है, दिल को क्यूँ जिद है कि उसे आगोश में भरना है.
जज्बात कहते है कि ख़ामोशी से बसर हो जाये दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये.
जिंदगी जीने का तरीका मेरा अलग है, उम्मीद पर नही, हम अपनी जिद पर जीते है.
नासमझ लोग रिश्ते छोड़ देते है, लेकिन जिद नही छोड़ पाते है.
ना कर जिद ऐ दिल अपनी हद में रह, वो बड़े लोग है अपनी मर्जी से याद करते है.
लक्ष्य भले पिद्दी हो, पर हौसला जिद्दी हो.
लक्ष्य को पाने की जिद है, दूर तक जाने की जिद है, मात न खाने की जिद है, हुनर दिखाने की जिद है.
तुम मेरी जिद नही जो पूरी हो, तुम मेरी धड़कन हो जो जरूरी हो.
किसी के करीब जाने की जिद में, मैं खुद से कितना दूर हो गया हूँ.
जिद में आकर रिश्तों को तोड़ा नहीं जाता, दिल में बसने वालो को छोड़ा नही जाता.
बच्चों के जिद के आगे झुक जाना चाहिए, मगर जिद गलत हो तो रूक जाना चाहिए.
प्यार जब बेहद होता है, तो जिद की कोई हद नही होती है.
पनी काबिलियत पर गुरूर हम आज भी नहीं करते है, लिखा नही जो मुकद्दर में रब ने उसे पाने की जिद नही करते है.
इश्क़ से बचके रहना ये सब कुछ मिटा देगा, जिद क्या चीज है ये तेरी राख तक को जला देगा.
बचपन में जिद खिलौनों की होती है, जवानी में जिद मोहब्बत की होती है.
गुलाब पाने की जिद की थी, काँटे चुभना तो लाजमी था.
जिन्हें कीमत पता होती है जिंदगी की, वो कभी बद्दुआ नही देते है मौत की.
जिन्दगी में जिद से सब कुछ मिलता नही है, जो मिलता है उसमें इन्सान खुश रहता नही है.
जिद में खुद से इतनी सी बात कही, अगर वो पा सकता है, तो मैं क्यूँ नही.
जिद आसमान छूकर दिखायेगी, हकीकत मुझे मेरी औकात बताएगी.
इस छोटी सी जिन्दगी ने क्या-क्या सिखाया है? छोटी सी जिद ने किसी मासूम का दिल दुखाया है.
मेहनत भी खूब होनी चाहिए, जिद भी जीतने की होनी चाहिए.
बच्चे जिद करे तो अच्छा लगता है, बीबी जिद करे तो गुस्सा लगता है.
कोई जिद नही थी तुम्हें पाने की, मगर हद भी नही थी तुम्हे चाहने की.
बेपनाह मोहब्बत में बेइंतहा बेकरारी थी, लेकिन दोनों को जिद भी बहुत प्यारी थी.
यह दिल भी ना जाने क्यों उसे पाने की जिद कर रहा हैं जो मुझे अपने दिल से कबका निकाल चुकी है।
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर, चलने की ज़िद भी जरुरी है मंजिल पाने के लिए।
कुछ लोग अपनी जिंदगी उम्मीद कायम रखे जी रहे हैं, तो कुछ लोग अपनी जिंदगी अपनी जिद के दम पर जी रहे हैं।
ख्वाहिश भले ही छोटी सी हो लेकिन उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए।
जो लोग अपनी जिद पर अड़े होते हैं, वह बार-बार असफल होकर भी कभी हार नहीं मानते हैं।
किसी से इश्क़ करना हैं तो सबसे पहले अपने दिल को जिद्दी बनाना सीख लो।
जिनकी सोच छोटी होती हैं उनकी जिद भी छोटी ही होती हैं, और जिनकी सोच बड़ी होती हैं उनकी ज़िद उनकी सोच जैसी बड़ी होती हैं।
तू ज़िद हैं इस दिल की वरना इन आँखों ने और भी हसीन चेहरे देखे हैं।
ख्वाब देखना गलत नहीं पर उन्हें पूरा करने के लिए जिद ना पलना यह बहुत गलत बात हैं।
एक समय था जब उसे पाना जिद थी मेरी, और आज अफ़सोस करता हूँ की आखिर उसे पाने की क्यों ज़िद थी मेरी।
ज़िद उसकी रखो जो तुम्हे और तुम्हारे भविष्य को आगे चलकर लाभ दे।
होगी तुम्हारी जिद अपने मेहबूब को पाने की, लेकिन मेरी जिद तो हैं केवल मेरे लक्ष्य को पाने की।
जिंदगी में मुसीबतें आना आम बात हैं, लेकिन उनसे लड़ने की जिद रखना लाजवाब बात हैं।
कामियाबी पाने के लिए हौसला रखना ज़रूरी हैं, और अंत तक हार ना मानने के लिए ज़िद्दी बनना ज़रूरी हैं।
मुझे पाने की जिद बिलकुल भी मत रखना, मैं पहले ही किसी की छोड़ी हुई महोब्बत हूँ।
जिद्दी तो मैं पहले ही था, पर तेरे इश्क़ ने मुझे और भी ज्यादा जिद्दी बना दिया।
वहाँ तूफान भी हार जातें है, जहां कश्तियाँ ज़िद पे आती है।
बुरे हालातों में भी जिसकी जिद कायम रहती हैं, उसकी ही जिंदगी आगे चलकर आरामदायक होती हैं।
नामुमकिन को मुमकिन में तब्दील करने के लिए ज़िद्दी बनना पड़ता हैं मेरे दोस्त।
खुद से भी खुल कर नहीं मिलते हम तुम क्या जानो कितने ज़िद्दी हैं हम
हम बदले नहीं हैं दोस्त, बस बेहतर होने की ज़िद है कुछ लोग दिल में रखे हैं कुछ बाहर निकाले हैं
वक़्त जब फैसले सुनाने की ज़िद पर आ जाए तो गवाहों की भी जरूरत नहीं पड़ती
हमारी ज़िद का शोर हर जगह है तू बता, तेरे सुनने में क्या आया है
बदलते दिनों को देखकर बदला नहीं करतेज़िद होनी चाहिए, दिन सबके आते हैं
ऐसा नहीं के हर बात पर ज़िद्दी हूँ जिनके लिए ज़िद है वो लोग ही ख़ास हैं
आखिर में आके हमने हारी बाज़ी भी जीती है कहने को तो खामोश हैं पर मिजाज़ से ज़िद्दी हैं
ज़िद का क्या है, टूट जाएगी एक दिन जिस दिन याद करने वाला खुद याद बन जाएगा
मेरा नहीं था मकसद कोई, तेरा खूबसूरती ब्यान करने का पन्नो ने की ज़िद और कलम चलने लगी
यूं न नज़रें फेरो, चले जाएंगे हम ज़िद्दी भी बहुत हैं, याद बहुत आएँगे हम
हमने कब उम्मीद की उनसे प्यार मिलने की बस जिद थी, दिल टूटे तो उसके हाथ से
ये तो जिद थी इस दिल की वर्ण हम गरीबों का अमीरों से क्या नाता
मेरी भी ज़िद है नहीं छोडूंगा दीवानगी को तुम्हें भी कसम है, न छोड़ना कसर आज़माने की
दिल तो दिल है, ज़िद पर अड़ा है या तो सब कुछ चाहिए, या कुछ भी नहीं
जाने क्यों ये ज़माना मुझे बदलने की फिराक में है ज़िद्द पकड़ कर बैठा है, फौल को पत्थर बनाने की
बड़ी काम आती है ज़िद भी कुछ बनने में ठोकरें खा कर खुद ही संभालता रहा हूँ मैं
हर बात मानु मैं तेरी, ये भी अब मुमकिन न रहा अब तो ज़िद छोड़ दे ऐ दिल ऐ नादान, तू भी अब बच्चा न रहा
तुम्हारी सोई आँखों में भी मचलते रहेंगे तुम्हारे लिए मेरे ये ज़िद्दी ख्याल
ज्यादा समय नहीं लगाते ये ज़िन्दगी का सबक सीखने में ये गरीबों के बच्चे हैं साहब! ज्यादा ज़िद नहीं करते
ज़िद का चढ़ा है वो नशा मुझपर, जो कभी नहीं उतरेगा हस्ती चाहे मिट भी जाए, ये बाँदा नहीं रुकेगा
जो लोग ज़िद्दी होते हैं और अपनी राय से कभी पीछे नहीं हटते, वे खुद को सच से ज्यादा प्यार करते हैं।
ज़िद्दी होना कमज़ोर आदमी की ताकत है
इस दुनिया की निर्मम भट्टी में अपनी खुशी को स्वीकार करने की हमारी ज़िद होनी चाहिए।
मेरी सारी समस्याएं मेरी ज़िद के आगे झुक जाती हैं।
ज़िद, आत्मविश्वास का दूसरा नाम है..
जीतने के लिए थोड़ा ज़िद्दी होना भी जरूरी है
ज़िद्दी बनो, एक बार जब आप कुछ शुरू करो, तो देखो के आप कितनी दूर जा सकते हैं।
एक उद्यमी के रूप में सफल होने के लिए एक विशेष प्रकार की जिद होनी चाहिए
जिद्दी लोग खुद को बहुत परेशानी में डाल लेते हैं, लेकिन वे कामयाब भी होते हैं
एक बाधा के सामने जिसे दूर करना असंभव है, ज़िद करना बेवकूफी है।
भगवान का शुक्र है उन्होंने मुझे ज़िद्दी बनाया, जब मुझे पता है के मैं सही हूँ
आम इंसान अपना मन बदल सकता है; लेकिन एक जिद्दी, कभी नहीं।
अगर आपने बड़ी समस्याओं को पार करना है तो ज़िद से बड़ी किस्मत भी नहीं
जिद्दी होना एक गुण है जब आप सही होते हैं; जब आप गलत हों तो यह केवल एक चरित्र दोष है।
बहुत जल्दी सीख लेते हैं, ज़िन्दगी के सबक, गरीब के बच्चे बात बात पर जिद नहीं करते…
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता…
जिद में आकर उनसे ताल्लुक तोड़ लिया हमने, अब सुकून उनको नहीं और बेकरार हम भी हैं…
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा…
एक ही दिन में सारी ज़िन्दगी जीने की ज़िद न कर, समन्दर में लहरा कुछ दिन, पी जाने की ज़िद न कर…
ना कर जिद अपनी हद मे रह ए दिल, वो बड़े लोग है मर्जी से याद करते है…
मालिक की जिदंगी ब्रेड और केक पर, ड्राईवर की जिन्दगी स्टैरिंग और ब्रेक पर.
यूँ तो उल्फत के तकाज़े बहुत हैं.. एक वो ज़ालिम बहुत हैं इक हम जिद्दी बहुत हैं..
जो जिद्द पर अड़े रहे वो वहीं खड़े रहे… जिंदगी अपनी रफ्तार से बढ़ती चली गई…!!
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.