
आज हलकी हलकी बारिश है आज सर्द हवा का रक़्स भी है आज फूल भी निखरे निखरे हैं आज उन मैं तुम्हारा अक्स भी है।

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां तो फिर बहुत याद आएंगे हम।

मैंने उस से पुछा क्या धुप मे बारिश होती है ये सुन कर वो हँसने लगी और हँसते हँसते रोने लगी फिर धुप में बारिश होने लगी।