हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं, क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं.
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं.
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह कि हर तरफ़ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे देखकर दिल उनको झूमने लगा सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे.
फ्रेशेर्स के चेहरे की जो मुस्कान है, वही तो हमारे महफ़िल की शान है.
महफिल को खूबसूरत बनाने में थोड़ी सी हमारी मदद कीजिये, अंजान बनकर मायूस नहीं बैठना है, खुलकर मुस्कुराइये और आनंद लीजिये.
पहली मुलाक़ात में थोड़ा डर लगता है, पर मुस्कुराकर शुरूआत हो तो अपना घर लगता है.
कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी, दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी, किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आई रूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी.
ये कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से.
हार को जीत की इक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई.
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार, आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार, इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम इस आयोजन का करें वेलकम.
देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो
सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी, सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी.
आप आए तो बहारों ने लुटाई ख़ुश्बू फूल तो फूल थे काँटों से भी आई ख़ुश्बू अज्ञात
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है फ़रहत एहसास
ये और बात कि रस्ते भी हो गए रौशन दिए तो हम ने तिरे वास्ते जलाए थे निसार राही
अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं, महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं.
उसने वादा किया है आने का, रंग देखो गरीब खाने का.
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं, जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं.
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान.
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से. महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों (आप) के आने से,
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह की हर तरफ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे देखकर दिल उनको झुमने लगा सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे!!!
फुल खिले गुलशन में खूबसूरती नजर आई आप आये साथ में खुशियाँ ही खुशियाँ आई!!!
अतिथि सत्कार बिना हर अरदास अधूरी होती हैं अतिथि ही वो फ़रिश्ते हैं जिनके आने से आस पूरी होती हैं!!!
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से महफ़िल में रौनक छा गयी आपके आने से!!!
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
हर गली अच्छी लगी हर एक घर अच्छा लगा वो जो आया शहर में तो शहर भर अच्छा लगा
महफ़िल में चार चाँद लगाने के बावजूद जब तक न आप आए उजाला न हो सका
ख़ुश-आमदीद वो आया हमारी चौखट पर बहार जिस के क़दम का तवाफ़ करती है
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती
दिल को सुकून मिलता है मुस्कुराने से, महफ़िल में रौनक छा गई आपके आने से.
धन्य धन्य हुए आज तो हम, मिट गये सारे अन्धियारें, आँखों को बहुत सुकून आया, जो आप हमारे द्वार पधारें.
सजाई महफिल में भी लगती है कुछ कमी, आपके आने से मुक्कमल महफिल सजी.
स्वीकार आमंत्रण किया, रखा हमारा मान, कैसे करे कृतज्ञता, स्वागत है श्री मान.
क्या आपको पता है कि कौन है महफिल की शान?, यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.
हार को जीत की एक दुआ मिल गई तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई। आप आये श्री मान जी यू लगा, जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई.
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं, जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं.
आपका स्वागत करने हम सब मिलकर आये है, चेहरे पर मुस्कान और हाथों में फूलों की माला लाये है.
जिन दोस्तों की वजह से मेरे चेहरे पर ख़ुशी है, उन दोस्तों का मेरे घर पर हमेशा स्वागत है.
तुम दोस्त ही नहीं मेरी जान हो, मेरी दिल के महफ़िल की शान हो.
ऐसा स्वागत कही हुई ही नहीं है, जैसी स्वागत मेरी प्यारी माँ करती है.
जो अच्छे और दिल के बड़े होते है, वो स्वागत के लिए खड़े होते है.
हमारा स्वागत नहीं करोगे, क्या हुआ अगर बिन बुलाये आये है.
आपका आना मौसम को खुशगवार कर गया कुम्हलाये फूलों को फिर से गुलजार कर गया.
दिल झूम उठा और शिकवे दूर हो गए जमाने से, पूरी दुनिया हमें अच्छी लगने लगी आपके आ जाने से.
दिलों में बेसब्री और स्वागत की आतुरता हमें यूँ हीं बेसब्र बना रही थी हमारी व्याकुलता.
आइये हम आपके लिए पलकें बिछाये बैठे हैं आपके स्वागत में महफिल सजाए बैठे हैं.
आपका आना हमारे सम्मान को बढ़ा गया जैसे कोई फरिश्ता हमारे अभिमान को बढ़ा गया.
कभी-कभी दूरी भी प्यार को बढ़ा देती है और कभी-कभी इंतजार भी मजा देता है.
तिलक और फूल माला से कर रहे हैं आपका स्वागत आपके आने की थी हमें न जाने कब से हसरत.
आपके आने में देरी हमें व्याकुल बना रही थी लेकिन हवाएँ आपके आने का पैगाम ला रही थी.
आपके आगमन ने हमें निःशब्द कर दिया है और भावनाओं ने आँखों से हीं सबकुछ व्यक्त कर दिया है.
ऐसे हीं आप बार-बार आते रहिए हमें यूँ हीं नये राह दिखाते रहिये.
खास लोगों के लिए खास तरीके अपनाए जाते हैं जो बेहद खास हों, वो पलकों पर बिठाये जाते हैं.
सूरज को किरणें और चाँद को चाँदनी मिल गई आपके आने से हमें जमाने की हर ख़ुशी मिल गई.
सौ सूरज और और सौ चांदों की रौशनी महफिल में छा गई आप जो आए महफिल में सारे दुनिया की रौशनी समा गई.
आपका आगमन नए कीर्तिमान गढ़ गया आपके आने से हमारा सम्मान बढ़ गया.
सारे दुनिया की शमाएँ, इसी महफिल में छा गई आपके आने की आहट शाम को और सुहाना बना गई.
आपके आने का हमें ना जाने कब से इंतजार था आपके स्वागत के लिए दिल कब से बेकरार था.
हार को जीत की एक दुआ मिल गयी तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई आप आये श्रीमान यूँ लगा जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई!!!
अगर गुमनाम हैं कोई उसे इक नाम मिल जाये मिले आशीष जिसे इनका उसे पहचान मिल जाये भला कैसे नहीं उसका मुकद्दर रँग बदलेगा सुदामा को अगर जो आपसा घनश्याम मिल जाये!!!
दिल को था आपका बेसब्री से इंतजार पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार आपके आने से आई हैं कुछ ऐसी बहार की दिल बस मांगे आपके लिए खुशियाँ बेशुमार!!!
सौ चाँद भी आ जाये तो महफ़िल में वो बात न रहेगी सिर्फ आपके आने से ही हमारी महफ़िल की रौनक बढ़ेगी!!!
धन्य हुए आज तो हम मिट गए सारे अंधियारे आँखों को बहुत सुकून आया जो आप हमारे द्दार पधारे!!!
इस महफ़िल में लोग बिन बुलाएँ आते हैं हम वो हैं जो स्वागत में पलकें बिछाते हैं!!!
आपका स्वागत करने हम सब मिलकर आये हैं चेहरे पर मुस्कान और हाथों में फूलों की माला लाये हैं!!!
चांदनी रात बड़ी देर के बाद आई ये मुलाकात बड़ी देर के बाद आई आज आये हैं वो मिलने मुद्दत के बाद आज की रात बड़ी देर के बाद आई!!!
कौन आया हैं की निगाहों में चमक जाग उठी दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी किसके आने की खबर ले कर हवाएं आई रूह खिलने लगी सांसों में महक जाग उठी!!!
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह की हर तरफ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे देखकर दिल उनको झुमने लगा सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे!!!
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार आने वाला हर दिन लाये खुशियों का त्योंहार इस उम्मीद के साथ आओं भूलके सारे गम New Year को हम सब करे Welcome!!!
हार को जीत की दुआँ मिल गई तप्त मौसम को ठंडी हवा मिल गई जैसे आप आये हमारे महल पर तो दिल के दर्द को दवा मिल गई!!!
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं वरना घर की दीवारों पर भी Welcome लिखा होता हैं!!!
वो मौत भी बड़ी सुहानी होगी जो आप के प्यार मैं आनी होगी ये दुआँ हैं खुदा से के पहले हम जाएँ क्योंकी Welcome की रस्म भी तो निभानी होगी!!!
किसी भी चीज का स्वागत करे जो आपके पास आती हैं लेकिन किसी और चीज के लिए चाह ना रखे!!!
अपनी कद्रदानी को इस तरह ना छिपाइए अगर प्रस्तुति पसंद आई हो तो तालियाँ बजाइये!!!
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान ऐसे लोग ही हैं हमारी महफ़िल के शान!!!
स्वीकार आमंत्रण किया रखा हमारा मान कैसे करे कृतज्ञता स्वागत हैं श्रीमान!!!
ख़ुशी का सवेरा ग़मों की शाम धरती रहे बुलंद इरादे इरादे कामयाबी की राह में खुलती रहे!!!
आमद से पहले तेरी सजाते कहाँ से फुल मौसम बहार का तो तेरे साथ आया हैं!!!
आपकी हर एक बात याद रहेगी खुबसूरत मुलाकात याद रहेगी आते रहिये हर रोज खुंशियाँ बढ़ाने को हर पल जिंदगी भर याद रहेगी!!!
इस गर्मी के सीजन में आम आयेंगे पर घर पर मेहमान ना आयेंगे ये Summer Vacation इस बार बच्चे घर पर ही बिताएंगे!!!
यूँ तो बंजर सा था मेरा आशियाँन महफ़िल आपके आने से सजी!!!
हसरतों ने फिर से करवट बदली हैं आप आयें तो बलखा के बहारे आई!!!
ना पीछे मुड़कर देखो ना आवाज दो मुझको बड़ी मुश्किल से सीखा हैं मैंने अलविदा कहना!!!
इंतजार हैं हमें आपके आने का वो नजरे मिला के नजरे चुराने का मत पूछ ऐ सनम दिल का आलम क्या हैं इन्तजार हैं बस तुझमे सिमट जाने को!!!
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम इस आयोजन का करे welcome!!!
बुझते हुए चिरागों को फरोजां करेंगे हम तुम आओगे तो जश्न ऐ चरागाँ करेंगे हम!!!
कुछ लोग जिंदगी होते हैं कुछ लोग जिंदगी में होते है कुछ लोगों से जिंदगी होती हैं पर कुछ लोग होते हैं तो जिंदगी होती हैं!!!
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़त्म सभी का इंतजार हो गया बारिश की बुँदे गिरी कुछ इस तरह से लगा जैसे आसमान को जमीन से प्यार हो गया!!!
जिंदगी में इतने काबिल बनों की लोग आपको Guest के रूप में नहीं बल्कि Chief Guest के रूप में बुलाएँ!!!
बड़ी ख़ामोशी से भेजा था गुलाब उसको पर खुशबु ने शहर भर में तमाशा कर दिया!!!
बिन बूंदों के बारिश का एहसास कैसे होगा जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा कार्यक्रम के इस रंग का मिजाज कैसा हैं बिन ताली के हमें यह एहसास कैसा होगा!!!
अब घंटा फर्क नहीं पड़ता आओं तो Welcome जाओं तो भीड़ कम हरामी हूँ इसलिए तो बदनाम हूँ अगर शरीफ होता तो हर रोज जलील होता!!!
कब आओगें ये घर ने मुझसे चलते वक्त पूछा था यही आवाज अब तक गूंजती हैं मेरे कानों में!!!
आँखों के इंतजार का हुनर देकर चला गया चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया दिन की वो महफिले गई रातों के रात जगे गए कोई समेट कर मेरे शाम ओ शहर चला गया!!!
जिंदगी में इतने काबिल बनों की लोग आपको Guest के रूप में नहीं बल्कि Chief Guest के रूप में बुलाएँ!!!
आपका स्वागत करने हम सब मिलकर आये है, चेहरे पर मुस्कान और हाथों में फूलों की माला लाये है.
बड़ी ख़ामोशी से भेजा था गुलाब उसको पर खुशबु ने शहर भर में तमाशा कर दिया!!!
बिन बूंदों के बारिश का एहसास कैसे होगा जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा कार्यक्रम के इस रंग का मिजाज कैसा हैं बिन ताली के हमें यह एहसास कैसा होगा!!!
क्या पूछते हो कौन है ये किसकी है शोहरत, क्या तुमने कभी ‘दाग़’ का दीवाँ नहीं देखा।
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.