100+ Eyes Shayari in Hindi

The eyes are often referred to as the windows to the soul, and in the realm of Hindi literature, they have been celebrated and immortalized through countless poetic verses known as shayari. These evocative lines weave together words that capture the depth, allure, and mesmerizing power of the human gaze, leaving an indelible mark on the hearts and minds of poetry enthusiasts.

Hindi shayari has long been a revered art form, cherished for its ability to convey complex emotions and profound truths through a tapestry of metaphors, similes, and vivid imagery. When it comes to the subject of eyes, poets have spared no effort in exploring the vast spectrum of emotions they can evoke, from the intoxicating spell of love to the anguish of heartbreak, and everything in between.

In this article, we delve into the rich tapestry of Hindi shayari, unveiling a collection of over 100 captivating verses that pay homage to the beauty and enchantment of the human eye. Prepare to be transported on a poetic journey that celebrates the depths of human emotion and the timeless allure of this remarkable feature.

  1. Shayari on the Captivating Power of Eyes: “Aankhen hi aankhen hain, jo dil ko churaa le jaati hain, Aur jab bhi dekhti hain, toh kisi ki zindagi badal jaati hai.” (Eyes are eyes, they steal hearts away, And whenever they gaze, someone’s life is changed forever.)
  2. Shayari on the Intoxicating Spell of Lovely Eyes: “Teri aankhen mast nasha hain, jise pee ke duniya hi bhool jaata hoon, Aur phir jahaan bhi dekhta hoon, tujhe hi tujhe dekhta hoon.” (Your eyes are an intoxicating elixir, drinking which I forget the world, And wherever I look, it’s only you that I behold.)
  3. Shayari on the Depth of Eyes: “Aankhen gehra samundar hain, jisme doob ke hi pata chalta hai, Kitne gehre hain ye aankhen, aur kitna anant hai ye paar.” (Eyes are a deep ocean, whose depth is only known when you drown, How deep these eyes are, and how infinite is their boundless shore.)
  4. Shayari on the Eloquence of Silent Eyes: “Chup hain aankhen, par kehti hain bahut kuch, Khamoshi mein bhi hain ye itni awazein sunati.” (Silent are the eyes, yet they speak volumes, In their silence, they make so many voices heard.)
  5. Shayari on the Soulful Connection of Eyes: “Teri aankhen meri aankhen se mil gayi toh kya hua, Do dilon ke beech ek nayi kahani shuru ho gayi.” (When your eyes met mine, what happened, A new story began between two hearts.)

These are just a few examples of the countless shayari that pay homage to the captivating power of eyes in the Hindi literary tradition. Each verse is a masterful tapestry of words, weaving together emotions, metaphors, and profound truths that resonate deeply with the human experience.

As we delve deeper into this vast collection, we encounter shayari that explore the various facets of the human gaze, from the enchanting spell cast by a lover’s eyes to the sorrowful depths of heartbreak reflected in tearful orbs. The poets leave no stone unturned, capturing the nuances of every emotion and painting vivid portraits that transport readers into the realms of love, longing, and the complexities of the human condition.

One recurring theme in these shayari is the mesmerizing quality of eyes, their ability to captivate and ensnare the heart and soul with a single glance. Poets have likened them to deep oceans, vast expanses of beauty and mystery that beckon to be explored. The power of a lover’s gaze is celebrated, with verses that speak of the intoxicating spell cast by eyes that leave the beholder breathless and spellbound.

Another prominent theme is the eloquence of silent eyes, the way they can communicate volumes without uttering a single word. These shayari highlight the profound connection that can be established through a shared gaze, a silent language that transcends the boundaries of speech and reaches deep into the depths of the soul.

Heartbreak and loss are also recurring motifs, with poets capturing the sorrow and anguish that can be seen in tearful eyes. These verses resonate with the universal experience of grief, reminding us of the depths of emotion that the human gaze can convey, even in its most sorrowful states.

As we journey through this vast collection of shayari, we are reminded of the enduring power of poetry to capture the essence of human experience and the profound impact that the eyes can have on our emotions, our perceptions, and our very souls. These verses stand as a testament to the timeless allure of the human gaze and the enduring legacy of Hindi literature in celebrating the beauty and complexity of the human condition.

Whether you are a seasoned poetry enthusiast or a newcomer to the world of Hindi shayari, this collection promises to be a captivating exploration of the depths of emotion and the enchanting power of the eyes. Each verse is a carefully crafted tapestry of words, inviting readers to immerse themselves in the rich tapestry of imagery, metaphor, and profound truths that lie at the heart of this celebrated literary tradition.

So, let us embark on this poetic odyssey, allowing the mellifluous verses to transport us to realms of love, longing, and the boundless depths of the human soul, all through the lens of the captivating and enchanting human eye.

100+ Eyes Shayari in Hindi

  1. आँखों ही आँखों में तुमने क्या कह डाला, वक्त थम गया दिल ठहर सा गया।
  2. क्या खूब तुमने इश्क़ छुपाया मुझसे, होठों से कुछ नहीं और आँखों से सब बयाँ कर दिया।
  3. हम ना आँख झुका कर ना आँख दिखा कर, हम आँख मिला कर बात करते है।
  4. गवाह है तेरी नजरें तेरी मुहब्बत का, तू लाख चाहे होठों से इंकार कर।
  5. इश्क़ में अक्सर आँखों ही आँखों से बात होती है।
  6. अदालत में झूठ हर बार पकड़ा जाता, अगर गवाही मुंह के बदले आँखों से दी जाती।
  7. है कैसा ये नशा की आँखों में तुम बसे हो, और हर पल ये नज़रे तुम्हें ही ढूंढती है।
  8. तुमसे नज़रें क्या मिली, तीर दिल के पार चली गई।
  9. पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है, आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है।
  10. यूँ ही मुझे इश्क़ की आहट मिली ना थी, नज़रों ने तेरी इशारे तो दिये ही थे।
  11. तमाम अल्फाज़ नाकाफी लगे मुझको, एक तेरी आँखों को बयां करने में।
  12. ये कायनात सुराही थी, जाम आँखें थीं, मुवसलत का पहला निज़ाम आँखें थीं।
  13. जाती है इस झील की गहराई कहाँ तक, आँखों में तेरी डूब के देखेंगे किसी रोज।
  14. होता है राजे-इश्को-मोहब्बत इन्हीं से फाश, आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।
  15. हम भटकते रहे थे अनजान राहों में, रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में, अब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमें, कुछ तो बात है सनम तेरी इन निगाहों में।
  16. कोई आग जैसे कोहरे में दबी-दबी सी चमके, तेरी झिलमिलाती आँखों में अजीब सा शमा है।
  17. नजर से नजर मिली तो दिल मचल गया, आपके दिल की शमा में दिल पिघल गया, क्या करें कसूर न हमारा है न दिल का, जो आपको देखा और धड़कना भूल गया।
  18. कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी, कुछ मुझे भी खराब होना था।
  19. आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या दिए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
  20. निगाहों पर निगाहों के पहरे होते हैं, इन निगाहों के घाव भी इतने गहरे होते हैं, न जाने क्यों कोसते हैं लोग दीवानों को, बर्बाद करने बाले तो वो हसीन चेहरे होते हैं।
  21. ऐ समंदर मैं तुझसे वाकिफ हूँ मगर इतना बताता हूँ, वो ऑंखें तुझसे गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ।
  22. आग सूरज में होती है, जलना धरती को पड़ता है, मोहब्बत आँखें करती हैं, तडपना दिल को पड़ता है।
  23. निगाह-ए-लुत्फ़ से एक बार मुझको देख लेते हैं, मुझको बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
  24. नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं, हम घबरा के अपनी ऑंखें झुका लेते हैं, कैसे मिलाए हम उन आँखों से आँखें, सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं। डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी, ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी।
  25. छोड़ दो करना मेरी इन आंखो की तारीफे तुम जब मेरे इश्क की गहराई ना देख सके..!
  26. कभी तो मेरी आंखें पढ़ लिया करो इनमे तुम्हारा इश्क नजर आता है..!
  27. तेरा ख्याल कागज पर बिखरता ही रहा इश्क उतर आया आंखों से देखते-देखते.!!
  28. हमेशा जो खुद को सजाये रखते हैं अंदर और ही हुलिया बनाये रखते हैं पत्थर आँखें ही दिखाई देती हैं और दिल में एक दरया सा रुकाये रखते हैं!!
  29. तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए!!
  30. आंखों में नशा ही नही होठों पर जाम भी चाहिए ए खुदा यार मुझे कातिल नजरो वाला चाहिए.!!
  31. तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी, दोनों को ही एकअदा में रजामंद कर गई।
  32. फर्याद कर रही हैं तरसती हुई निगाहें, देखे हुए किसी को… बहुत दिन गुज़र गए।
  33. बड़ी दिलकश ग़ज़ल सुनाती है वो तेरी नीलकमल के फूल जैसी आंखे..!
  34. आँखें नीची हैं तो हया बन गई, आँखें ऊँची हैं तो दुआ बन गई, आँखें उठ कर झुकी तो अड़ा बन गई, आँखें झुक कर उठी तो कदा बन गई।
  35. आँखों में हया हो तो पर्दा दिल का ही काफी है, नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं, इशारे मोहब्बत के।
  36. जब जुबान पर पाबंदी लग जाती है तो बिना अल्फाज कहे नजरे सब कुछ बयां कर जाती है..!
  37. मेरी निगाह-इ-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर, फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।
  38. कैद खाने है बिन सलाखो के, कुछ यूँ चर्चे है तुम्हारी आँखो के!
  39. क्या कहें, क्या क्या किया, तेरी निगाहों ने सुलूक, दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं।
  40. इशारों के ऐसे तामझाम करते हैं तुम्हारी आंखें हर रोज कत्ल-ए-आम करते हैं !!
  41. अलविदा कह चुके हैं तुम्हें, जाओ आंखों पे ध्यान मत दो।
  42. कुछ लोग आँखो में रहते हैं, कुछ लोगों की तस्वीरें नहीं होती।
  43. जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में, बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
  44. जान ज़रा चुप रहा करो, इश्क़ में आँखों से बोलते हैं।
  45. जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ्ज शायरी में कहाँ होते हैं!
  46. तेरी आँखों से एक चीज लाजवाब पीता हूँ, में गरीब जरुर हूँ मगर सबसे महँगी शराब पीता हूँ।
  47. एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे, ए रुठने वाले… वो पहली सी मोहब्बत दे दे।
  48. सारी दुनिया से छीन लूं उसे, ये ख्वाहिश है उसकी आँखों में।
  49. अब तो उससे मिलना और भी, जरूरी हो गया है सुना है उसकी, आँखो मै मेरा अक्स नजर आता है!
  50. जो मोहब्ब्त तुम बयां नही कर पाती हो मुझसे, वही पढ़ता हूँ मैं तुम्हारी आँखों में।
    वो बोलते रहे… हम सुनते रहे… जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे।
    आंखें थी जो कह गयी सब कुछ, लफ्ज़ होते तो मुकर गए होते।
  51. किया करते है बस कोई इन्हे समझने वाला होना चाहिए।
  52. चलो हम उजड़े शहर के शहजादे ही सही, मगर तुम्हारी आँखे बताती है विरान तुम भी हो!
  53. जो उनकी आँखों में है वो लफ्ज़ किताबो में नहीं।
  54. मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी, खँजर से भी तेज़ लगती हैं आँखें जनाब की।
  55. मैंने उनकी आखो को पढ़ा पता चला हर एक अक्सर बस मेरे ही नाम का था।
  56. तैरना तो आता था हमें लेकिन, तेरी आखों में डूब जाना अच्छा लगा!
  57. फिर बारिश में भीगेंगे मेरे ख्वाब आज आखों का मौसम ख़राब है।
  58. बस नजरो से नजर मिला लिया करो, इश्क तेरी आँखों में हम खुद ही ढूंढ लेंगे।
  59. आँखे कभी झूठ नहीं बोलती चाहे ज़ुबा पर कुछ भी हो।
  60. तेरी आँखों की रोशिनी से ही मेरी ज़िन्दगी में उजाला है वरना हम ढूंढ रहे थे खुद को अँधेरे में।
  61. जो बातें हम बया ना कर सके, वो उन्होंने मेरी आँखों में पढ़ली।
  62. उसने मेरा गुरुर भी कुछ ऐसे तोड़ दिया, आँखों को चूमा और होंठों को छोड़ दिया।
  63. एक नशा है उनकी आँखों में, ये देखकर दिल मदहोश हो जाता है।
  64. तेरी आँखों की रोशिनी से ही मेरी ज़िन्दगी में उजाला है वरना हम ढूंढ रहे थे खुद को अँधेरे में।
  65. तुम नज़रो के इम्तिहान मत लो ये नज़रे गुस्ताखियाँ माफ़ नहीं करती।
  66. “क्या खूब तुमने इश्क़ छुपाया मुझसे, होठों से कुछ नहीं और आँखों से सब बयाँ कर दिया।”
  67. “आँखों ही आँखों में तुमने क्या कह डाला, वक्त थम गया दिल ठहर सा गया।”
  68. “हम ना आँख झुका कर ना आँख दिखा कर, हम आँख मिला कर बात करते है।”
  69. “गवाह है तेरी नजरें तेरी मुहब्बत का, तू लाख चाहे होठों से इंकार कर।”
  70. “अदालत में झूठ हर बार पकड़ा जाता, अगर गवाही मुंह के बदले आँखों से दी जाती।”
  71. “आँखों में अपने सपने संजोए, आप ज़िंदगी के रह पर चलते नजर आएंगे।”
  72. “है कैसा ये नशा की आँखों में तुम बसे हो, और हर पल ये नज़रे तुम्हें ही ढूंढती है।”
  73. “आँख से अँधा होना अक्ल से अँधा होने से ज्यादा बेहतर है।”
  74. “यूँ ही मुझे इश्क़ की आहट मिली ना थी, नज़रों ने तेरी इशारे तो दिये ही थे।”
  75. “आँखों में ख्वाब अब तक सजा रखा है, के तेरी आँखों में चेहरा सिर्फ मेरा बसा हो।”
  76. “आँखों में अपने समंदर समेटा हूँ, ऐ ज़ालिम तू मेरे ज़ख्मों को मत खुरेद।”
  77. “तुमसे नज़रें क्या मिली, तीर दिल के पार चली गई।”
  78. “आँखें तुम्हारी आज भी गुमराह कर जाती है, कोसना चाहता हूँ जबरन तुम्हें बेवफा कह कर।”
  79. “अब तुम्हारी आँखों की खूबसूरती का क्या कहूं, अँधेरी रात में दो-दो चाँद खिला हो जैसे।”
  80. “तुमने होठों पर छुपाये रखा, मैंने आँखों से सारी बात पढ़ ली।”
  81. “जब दिल खामोश हो जाते है, तब आँखों से ही बातें होती है।”
  82. “जो ज़ुबान से हमारी बात नहीं समझते, वो आँखों से क्या समझेंगे।”
  83. “इश्क़ आँखों से की जाती है, बातों में क्या रखा है।”
  84. “आँखें देखते हो, कभी नज़रिया भी देख लिया करो।”
  85. “आँखों की बातें आँखों से समझ लेते है, जो प्यार करते है वो हद से गुजर जाते है।”
  86. “हम अपनी आँखों को भूल सकते है, लेकिन उनकी आँखों को नहीं भुला सकते।”
  87. “मैं तुम्हें भूल सकता हूँ, तुम्हारी आँखों को नहीं। तुम मुझ से दूर जा सकते हो, मेरी यादों से नहीं।”
  88. “आईना आंखों के राज़ बयां करता है, जाने क्यों किसी अपने के दिए ज़ख्म बयां करता है।”
  89. शर्मिंदा हो जाती है अक्सर वो आँखें। जिनमे हया छुपी होती है।
  90. आंख मेरी भरी-भरी सी रहती है, अब ये तुझे याद करना जो बन्द कर चुकी है।
  91. रह लेते हम तेरे बिना गर ये तेरी आंखें मुझे प्यार करना न सिखाती।
  92. सब बयां कर दिया तुमने बिना कुछ कहे, ये तुम्हारी आँखो का ही कमाल है।
  93. आज का दिन बड़ा सुकून भरा सा है, लगता है अब तेरी आंखें मेरे दीदार को नहीं तरसती।
  94. सब सो चुके हैं अब अपनी आँखो को भी कहो थोड़ा आराम कर लें।
  95. आंखें तेरी सब बया कर रही क्या है तेरा मुझसे वास्ता।
  96. तेरी आँखो का कसूर था जो मैं तेरा हुआ, वरना मैं तो सिर्फ़ अपना था।
  97. मेरी आंखें तेरी आँखो से मिलती जा रही, समझ में नहीं आ रहा की इसमे कसूर किसका ज्यादा है।
  98. तेरी आँखों की गहराई में समाते जा रहे हैं, अब हम तुम्हारे होते जा रहे हैं।
  99. मेरी आंखें नींद में नहीं जाती, अब इसके गुनहगार तेरी आंखें हैं।
  100. अकसर मेरे ख्वाब भीग जाते है, जब उसकी आँखों से आँसूं निकलते है।
  101. आँखें बहुत राज़ बतलाती है, बस पढ़ने आनी चाहिए।
  102. खूबसूरती सूरत में नहीं होती है, देखने वालों की आँखों में होती है।
  103. हर सुबह इन आँखों को तुम्हारा दीदार होता है, और अब दुनिया में किसी और का दीदार नहीं करना।
  104. आँखे बताती है की किस दर्द से गुज़रा है ये शख्स।
  105. कुछ शिकायतें उनकी आँखों से, वरना मैं इस कदर इस दुनियां में पागल ना होता।
  106. मैं सरे बाजार उनसे चेहरा छिपा कर गुज़र रहीथी, आँखो ने मुझे बेनकाब कर दिया।
  107. मैने सोचा बिन बताए अबउन्हे बताने कि कोशिश करूंगी, उन्होंने मेरे बिना कुछ करे आँखो से सब समझ लिया।
  108. मेरी मोहब्बत में किसी का सबसे ज्यादा नाम हुआ है वो है आंखें।
  109. मैं यूँही मयखाने में जाता रहा नशा ढूंढ़ने, मुझे तेरी आँखो कातो याद हीनहीं आया।
  110. झील सी है ये तेरी आंखें, हर बार देख कर डूब जाता हूं इनमे।
  111. मुझे अपना बना लेती हैं ये तेरी आंखें, ये बड़ी चोर हैं मुझे चुरा लेती हैं ये तेरी आंखें।
  112. अजब किस्सा है इन तेरी नजरों का, हर बार मुझपे वार कर के चली जाती हैं।
  113. असल इश्क़ तो तेरे आँखो से हुआ मुझे और तो बस यूँही था।
  114. एक बार गलती से देख लिया था तेरी आँखों को, अब तक होश में नहीं हूं।
  115. शबनमी आंखें हैं उसकी, हर बार मुझे दीवाना बना देती हैं।

Frequently Ask Questions

1. What is Shayari?

Shayari refers to a form of poetry or poetic verses in Urdu and Hindi literature, often expressing deep emotions, love, and philosophical thoughts.

2. Why Are Eyes a Popular Subject in Hindi Shayari?

Eyes are considered to be the windows to the soul and have been a source of inspiration for poets to express love, longing, and the depths of human emotions. The captivating power of the eyes makes them a recurring theme in shayari.

3. What Are Some Common Metaphors Used to Describe Eyes in Hindi Shayari?

Eyes are often metaphorically compared to deep oceans, intoxicating elixirs, silent storytellers, and mesmerizing spells that captivate the heart and soul.

4. How Do Shayari Capture the Different Emotions Associated With Eyes?

Shayari explore a wide range of emotions related to eyes, such as the enchanting spell of a lover’s gaze, the sorrow of tearful eyes, the eloquence of silent eyes, and the profound connection established through a shared look.

5. Are There Any Specific Poets Renowned for Their Shayari on Eyes?

While many poets have contributed to the tradition of eye shayari, some notable names include Mirza Ghalib, Bashir Badr, Javed Akhtar, and Nida Fazli, among others.

6. How Does Shayari on Eyes Reflect the Broader Themes of Love and Human Emotions in Hindi Literature?

Shayari on eyes serves as a microcosm of the larger themes explored in Hindi literature, such as love, longing, heartbreak, and the complexities of the human condition. These verses capture the universal experiences and emotions that resonate across cultures and generations.

7. Can You Provide an Example of a Famous Shayari on Eyes?

One famous example is: “Aankhen hi aankhen hain, jo dil ko churaa le jaati hain, Aur jab bhi dekhti hain, toh kisi ki zindagi badal jaati hai.” (Eyes are eyes, they steal hearts away, And whenever they gaze, someone’s life is changed forever.)

8. How Can One Appreciate and Understand the Depth of Shayari on Eyes?

To fully appreciate the depth of shayari on eyes, it’s essential to understand the cultural and literary context, the use of metaphors and imagery, and the underlying emotions and themes conveyed through these poetic verses.

9. Are There Any Resources or Collections Available for Those Interested in Exploring More Shayari on Eyes?

There are numerous anthologies, collections, and online resources dedicated to shayari, including specific compilations focused on the theme of eyes. Poetry websites, literary magazines, and cultural organizations often feature and promote these works.

10. Can Shayari on Eyes Be Translated Into Other Languages While Preserving Their Essence?

While translating shayari into other languages can be challenging due to the nuances and cultural references, skilled translators and poets often strive to capture the essence and emotions of these verses, allowing their universal appeal to transcend linguistic boundaries.

Conclusion:

The enduring legacy of Hindi shayari on the subject of eyes is a testament to the profound impact that these captivating features have had on the human psyche across generations. Through the masterful tapestry of words woven by poets, we are invited to explore the depths of human emotions, the complexities of love and longing, and the universal experiences that bind us all together.

As we immerse ourselves in these poetic verses, we are reminded of the power of language to capture the essence of the human condition, to give voice to the ineffable, and to celebrate the beauty that lies within the most seemingly mundane aspects of our existence. The eyes, once mere physical features, are transformed into vessels of profound meaning, carrying within them the weight of our hopes, fears, and deepest desires.

Whether we find ourselves lost in the intoxicating spell of a lover’s gaze or moved by the sorrow of tearful eyes, these shayari offer us a mirror into the depths of our own souls, inviting us to confront the multitude of emotions that lie within. They remind us of the universality of our experiences, transcending cultural boundaries and linguistic divides, and speaking to the shared human condition that unites us all.

As we bid farewell to this poetic odyssey, we carry with us the echoes of these timeless verses, etched into our hearts and minds, forever serving as reminders of the profound beauty and power that lies within the simple act of gazing into another’s eyes. May these shayari continue to inspire generations to come, igniting within us a renewed appreciation for the wonders of the human experience and the endless depths of emotion that reside within the captivating windows to our souls.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *