297 Quotes by Aacharya Chanakya in Hindi -) Chanakya Niti Lines

शासक को स्वयं योग्य बनकर योग्य प्रशासकों की सहायता से शासन करना चाहिए।

शासक को स्वयं योग्य बनकर योग्य प्रशासकों की सहायता से शासन करना चाहिए।

इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये।

इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये।

व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है; और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।

व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है; और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।

समस्त कार्य पूर्व मंत्रणा से करने चाहिएं।

समस्त कार्य पूर्व मंत्रणा से करने चाहिएं।

दण्डनीति से आत्मरक्षा की जा सकती है।

दण्डनीति से आत्मरक्षा की जा सकती है।

कार्य-अकार्य के तत्व दर्शी ही मंत्री होने चाहिए।

कार्य-अकार्य के तत्व दर्शी ही मंत्री होने चाहिए।

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है, ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है, ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

किसी भी अवस्था में सबसे पहले माँ को भोजन कराना चाहियें।

किसी भी अवस्था में सबसे पहले माँ को भोजन कराना चाहियें।

जो लोग मिली हुई चीज को छोड़कर उस चीज के पीछे भागते हैं, जिसके मिलने की कोई उम्मीद ही ना हो, ऐसे लोग मिली हुई चीज को भी खो देते हैं।

जो लोग मिली हुई चीज को छोड़कर उस चीज के पीछे भागते हैं, जिसके मिलने की कोई उम्मीद ही ना हो, ऐसे लोग मिली हुई चीज को भी खो देते हैं।

कल का कार्य आज ही कर लें।

कल का कार्य आज ही कर लें।

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