Alvida Shayari

तुम ख्वाबों में इन पर्दों में आया ना करो| हर सुबह जब मुस्कुराकर अलविदा कहना ही है. तो यूँ प्यार से हर रात गले लगाया ना करो|


 

हो रहा है, जुदा दोनो का रास्ता, दूर जाके भी मुझसे तुम मेरी यादो मे रहना, कभी अलविदा ना कहना…


 

बड़े गरूर से वो अलविदा कहके चले थे, फिर न जाने क्यूँ मुड़ मुड़ के देखते रहे…


 

लिपट लिपट के कह रही है ये आखिरी शामें… अलविदा कहने से पहले… मुझे एक बार गले से लगा लो


 

अलविदा कह गया सबसे फिर बिता कल , नई उम्मीद की तलाश में होने लगी हलचल ।


 

भुला देना मुझे..है अलविदा तुझे.. तुझे जीना है… मेरे बिना.. सफ़र ये है तेरा…ये रास्ता तेरा.. तुझे जीना है…मेरे बिना


 

रुक सी गयी है ज़िन्दगी आज भी वही, जिस मोड़ पर तु ने अलविदा कहा था.


 

चांदनी रात अलविदा कह रही है, ठंडी सी हवा दस्तक दे रही है, जरा उठाकर देखो नज़ारों को, एक प्यारी सी सुबह आपको शुभ दिवस कह रही है! दोस्त आप का दिन शुभ रहे !!!!!


 

तेरी मोहब्बत से लेकर…, तेरे अलविदा कहने तक…, सिर्फ तुझ को चाहा है, तुझसे कुछ नहीं चाहा…!!


लिपट-लिपट के कह रही हैं मुझसे ये सर्द हवाएं, इक रात की मोहलत दो अलविदा कहने के लिए…


कभी अलविदा मत कहना मेरे दोस्त। जिन्दगी अभी बाकी है गम पीने के लिए। जख्म मिलता है हमें तीरे नजर से। दिल सम्भाल कर रखना उसे सीने के लिए।


अपनी नाजायज़ जिद को अलविदा कह दो… और भी ग़म है ज़माने में सिवा इश्क के..


अलविदा कहते डर लगता है मन क्यूँ दीवाना सा लगता है


सोया तो था में जिंदगी को अलविदा कह कर दोस्तों, किसी की बे-पनाह दुआओ ने मुझे फिर से जगा दिया..


जनम जनम तुम साथ चलना यूही कसम तुम्हे कसम आके मिलनायूही एक जान है भले दो बदन हो जुदा मेरी होके हमेशा ही रहना कभी ना कहना अलविदा!


लफ्ज़ नम हुए मेरे, धड़कन थमने सी लगी, जब जाते वक्त उसने आंखों से अलविदा कहा !


कुछ सपने अधूरे रहजाते है दिल के दर्द आंसू बन बहजाते है जो कहते है हम सिर्फ आपके है पतानही वो कैसे अलविदा कह जाते है


दस्तक सुना मैंने, और पहचान भी गये पर दरवाज़ा खोलूँ तो कैसे खोलूँ तूँ तो अलविदा कहने आया है


कहते है अब अलविदा इस जहाँको जाकर जो वापिस न आया जाएगा आग लगाई है इंकलाब की वो किसीसे बुझाया ना जाएगा


तुम दर्द हो तुम ही आराम हो मेरी दुआवो से आती है बस ये सदा मेरी होके हमेशा ही रहना कभी ना कहना अलविदा


वक्त नूर को बेनूर कर देता है मामूली जख्म को भी नासूर कर देता है कौन चाहता है, तुम्हें अलविदा कहना ये वक्त है जो इंसान को मजबूर कर देता है


वो बग़ल में मेरे बैठे और मुस्करा दिए …… हमने भी लफ़्ज़ों को अलविदा कह दिया


ज़िन्दगी आ तुझे भी अलविदा कह दूँ, क्या मीला तेरे दुनिया मे नफ़रत के सिवा


आज किसी मोड़ पर उसे अलविदा कह दिया जो कभी शामिल ही नहीं था मेरी जिंदगी में


ना पीछे मुड़ के देखो, ना आवाज दो मुझको, बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना…


गज़ब दस्तूर है महफ़िल से अलविदा कहने का, वो भी ख़ुदा-हाफ़िज़ कहते है जिनके ठिकाने नहीं होते


कुछ दिन साथ चलने वाले, थोड़ा और साथ चलने की तमन्ना थी, मजबूरी है कहना ही पड़ेगा अलविदा।


न कहा न कुछ सुना, बस चुपके से चल दिए, मोहब्बत के उन्होंने सारे मायने बदल दिए, अब तो तन्हा गलियों में गुजरेगी हर शाम, मर भी गए, तो भी नहीं भूलेंगे उनका नाम।


पास थे, तो रोने की वजह बनते थे, दूर जाकर शायद मुस्कुराना सीख लें आप।


दोबारा मिलें जिंदगी में यह दुआ करेंगे, दूर रहकर भी नजदीक होने की चाह करेंगे।


माफ करना मुझे दूर तो जाना पड़ेगा, पास होकर भी तुम्हे अब भूल जाना पड़ेगा।


वो शाम सुहानी थी जो गुजरी तेरे साथ, बिन तेरे अब कैसे कटेगी सारी रात, समझ लो तुम भी यह मजबूरी है दिल की, नहीं गए, तो कैसे कल फिर होगी मुलाकात।


तेरे साथ मुस्कुराना और ठोकरों से संभलना सीखा है, आता नहीं अलविदा कहना बस रोकर जताना सीखा है।


यार तेरी दोस्ती को सलाम है, अलविदा कहकर भी हंसा दिया, यह बस तेरी यारी का कमाल है।


ताउम्र तेरे साथ बीती रातों को फिर याद करेंगे, कह सकें अलविदा तुझसे इसलिए मेरे यार, आंसू का एक भी कतरा बहाए बिना बात करेंगे।


रूठा जमाना जिंदगी भी रूठी, तभी तो तेरे-मेरे बीच ये दूरी छूटी, समझ लेना तुम है ये मेरी मजबूरी, वरना न आने देता तेरे-मेरे बीच यह दूरी।


करीब आते-आते तू कुछ दूर सा हो गया है, शाम को अलविदा कह तू कहीं गुम सा गया है, चाहता हूं मैं करीब होने का एहसास तेरे पर, खुशी के खातिर तेरी तुझे अलविदा कह गया हूं।


खुश हूं फिर भी ये आंखे नम हैं, न चाहते हुए भी दूर जाने का गम है।


दूर जाने की खबर सुनकर ये धड़कने रुक जाती हैं, अलविदा कहने के वक्त यार मेरी आंखें भर आती हैं।


तुम्हे तब भी खास कहा जब तुम पास थे, दूर कितना भी हो जाऊं तुम पास ही रहोगे। अलविदा मेरे दोस्त!


दर्ज करो पते उनके सब ओहदों के साथ, न जाने कौन भूले या फिर याद आए कौन।


अब हर लम्हा तुम्हारे बिना सूना सा लगेगा, अलविदा कहकर तुम्हारी यादों में जीना पड़ेगा।


साथ रहकर तूने संभाला है इतना, अब अलविदा कह फिर कमजोर न बना देना।


न जाने अब मुलाकात हो न हो, जिंदगी में फिर बहार हो न हो, जाते-जाते मुस्कुरा दो कम से कम, दोबारा इस मुस्कराहट का दीदार हो न हो।


न हो दाखिल मेरे ख्वाबों में इस तरह, क्योंकि, यह ख्वाब बस मेरा जागने तक ही है। गुड बाय।


अब हलचल है दिल में नई उम्मीद की तलाश के लिए, कहना पड़ेगा अलविदा नई मंजिल की तलाश के लिए।


वक्त से बड़ा कोई मरहम नहीं, वक्त से बड़ा कोई दर्द भी नहीं, न चाहते हुए भी दूर कर देता है ये, वरना, कौन कमबख्त अलविदा कहता।


अजीब यादें हैं तेरे इश्क की,जो ये तेरा ही इंतजार करती हैं, अलविदा कहते वक्त बेकरार करती हैं।


गम देना पर आंसू मत देना, प्यार के बदले धोखा मत देना, जो चाहे मांग लो पर जिंदगी में, पर कभी अलविदा मत कहना।


वो हमें छोड़ कर क्या चले, ख्वाबों का आशियाना टूट गया, बड़ी जालिम थी वो रात जब, वो अलविदा कहकर जाना भूल गया।


 न चाहते थे कहना अलविदा फिर भी कहना पड़ेगा, न चाहते थे दूर जाना तुमसे फिर भी जाना पड़ेगा, मुकम्मल इश्क के खातिर ऐ मेरे हमदम, दर्द ए जुदाई का कड़वा जहर हमें पीना ही पड़ेगा।

जब तुम जाते हो, तो गुलिस्तां के सभी फूल झड़ जाते हैं, संभलकर कहो अलविदा जाते-जाते पेड़ों से क्यों टकरा जाते हो।


जुदाई ने तेरी हमें जीते जी मार डाला है, खिलौना समझ इस दिल को तोड़ डाला है, बड़ी मुश्किल से संभाला है अरमानों को अपने, एक दफा मिलना जरूर मम्मी ने मेरी अचार डाला है।


लिपट कर सीने से कह रही थीं वो आखिरी शामें, अलविदा कहने से पहले जालिम गले तो लगा लेते।


ये वक्त भी बड़ा चालक है, जो मुझसे आज जीत गया, अलविदा कहने के नाम पर वो मेरा बटुआ मुझसे लूट गया।


मत रखना गलतफहमी कि रोएंगे तेरे लिए, बड़ी मुश्किल से मिली ये जिंदगी जीना जरूरी है, जल्दी से कह दे अलविदा अब देर न कर, और भी हैं लाइन में उनसे भी मिलना जरूरी है।


क्या सोचा बिन तेरे तड़पकर मर जाऊंगा, मोहब्बत के लिए तेरे पैरों में गिड़गिड़ाउंगा, जाना है तो जल्दी कर, जाने की अब देर न कर, कम से कम अब तो खुलकर मुस्कुराउंगा। गुड बाय।


सोशल मीडिया पर लगी डीपी बड़ी टाइट थी, इसलिए दिल ने पकड़ी इश्क की फ्लाइट थी, शुक्र हो आधार कार्ड का जिस पर हकीकत तेरी राइट थी, देर लग गई यह समझने में मुझको क्योंकि,आंखों में मेरे जल रही ट्यूबलाइट थी। गुड बाय डियर।


काश अगर होता कहीं प्यार का इंश्योरेंस, आगे बढ़ने से पहले प्रीमियम भरवा देता, चलता रहता इश्क तो कोई खता न होती, अलविदा कहने पर हर्जा-खर्चा तो ले आता। गुड बाय प्रिये!


इश्क को बीच मझदार में छोड़ने वाली, अलविदा कहने की भी तूने क्या अदा पाई है,जा रही थी तो अकेले जाती ऐ हमदम, साथ-साथ क्यों ले गई मेरी रजाई है।


मेरे इश्क का पहिया भी कुछ ऐसा अटक गया, किया जो इजहार का मैसेज वो तेरी शादी तक लटक गया। अलविदा प्रिये!


तेरे जाने का सुन अजब सी हालत हो गई है, कुछ भी न खाना चाहूं फिर भी भूख बढ़ गई है, रबड़ी-मलाई लाया था जो सब खा डाली है मैंने, बस तेरे आने से पहले ही तो सब खत्म हो गई है। गुड बाय दोस्त।


तुम्हे देख कर सभी फूल शर्मा जाते हैं, तुम्हारे जाने से पहले ही यह मुरझा जाते हैं, ऐसे घायल न करो अपनी दीवानी को ए-हमदम, अलविदा कहने से पहले नहा क्यों नहीं आते हैं। गुड बाय डियर।


जब कोई इंसान आपके लिए खास बन जाता है, हर पल सोचना उसको एक एहसास बन जाता है, तब जुदाई का गम और भी ज्यादा सताता है, अलविदा कहने पर कसम से बहुत रोना आता है। गुड बाय प्रिये।



तिरछी निगाहों से जो देखा उन्होंने,तो हम मदहोश हो चले, जब पता चला कि वो अलविदा कहने आए, तो हम बेहोश हो चले।


न लग जाए नजर, इसलिए मेरे गालों पर काजल लगाती हो, फिक्र इतनी, तो अलविदा के लिए नींबू-मिर्च का हार क्यों नहीं ले आती हों।


मोहब्बत का तराना बड़ा जोर से गाया था, जब उन्हें हमने कभी अपना बनाया था, अब जाकर एहसास हुआ बड़ी गलती थी ये मेरी, तभी तो आज यहां अलविदा कहने आया था। गुड बाय डियर।


गजब मुड़-मुड़ के वो हमें गौर से देखते रहे, हम भी उन्हें बस एक टक देखते रहे, यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा, आज कह दिया अलविदा, हम आज भी देखते रहे। अलविदा प्रिय!


जब पहुंचे उनके दरवाजे पर, दिल में खुशी और चेहरे पर हंसी थी, खुला दरवाजा तो आंखों में आंसू दिल में बेबसी थी, क्योंकि, मेरी उंगली उनके दरवाजे में फंसी थी। गुड बाय हनी।


एक बार थाम कर हाथ छोड़ने का नहीं, वादा किया जो एक दफा उसे तोड़ने का नहीं, फिर भी तोड़ डाले कोई दिल आपका तो, बिना हाथ-पैर तोड़े उसे छोड़ने का नहीं।


. तेरे जाने की खुशी में बीच सड़क पैमाना भर लिया, उतने में ही कहीं से पुलिस आई और मुझे धर लिया।


न होता दीदार तेरा न इश्क में दीवाना होता, न पकड़ा होता हाथ तेरा न मैं काना होता। गुड बाय प्रिय।


अलविदा कह रहा हूं तुमसे मैं, अब तमन्ना को बाकी न रही है, चली आना तुम भी पीछे-पीछे मेरे, यहां से सीधी बस मेरे शहर जा रही है। गुड बाय।


इश्क में वफाई का गजब इनाम मिला, यादों की कश्ती को आंसुओं का सैलाब मिला, बयां किया दर्द ए दिल का हाल जो उन्हें, बदले में उनसे मुझको बस झंडूबाम मिला। अलविदा मेरे हमदम!


जाते-जाते आंसुओं की बरसात होगी, तेरे जाने के बाद फिर काली रात होगी, बिना छतरी लौटाए गर चली गई तुम, जा तेरे पूरे बदन में खुजली सारी रात होगी।


दोस्त तेरी जिंदगी में कभी गम न आए, खुशियां बेहिसाब हों कोई अड़चन न आए, हर तमन्ना पूरी करे खुदा तेरी इतनी कि, पैसे तू भरे और पिज्जा हम दोस्त मिलकर खाएं। गुड बाय मेरे दोस्त।


लाल बिंदी के साथ जो तूने पहनी सफेद साड़ी, लगती हो तुम एक दम एम्बुलेंस वाली गाड़ी, वो तो देती है कम से कम घायलों को जिंदगी, तुम गुड बाय कह घायल करती हो और बढ़वा देती हो दाढ़ी। गुड बाय डियर।


तेरी मोहब्बत से लेकर,तेरे अलविदा कहने तक, सिर्फ तुझ को चाहा है, तुझसे कुछ नहीं चाहा.

चांदनी रात अलविदा कह रही है, ठंडी सी हवा दस्तक दे रही है, जरा उठाकर देखो नज़ारों को, एक प्यारी सी सुबह आपको शुभ दिवस कह रही है.

क्या पता अब तुमसे मिलना हो न हो, चाह के फूलों का खिलना हो न हो, बिन मिले ही या कहोगे अलविदा.

अजीब था उनका अलविदा कहना, सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं, बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में, की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ.

दुश्मन है दुश्मनों से तो कर लेते कोई अपना दुश्मनी पर उतर गया है हक में हक में जो दलील थी है मेरा गवाह गवाही देने से मुकर गया है


दिल लगी होती तो भूल जाता तुम्हें दिल लगी होती तो भूल जाता तुम्हें इश्क हुआ है नस नस में बसे हो तुम


दीवाना समझते हैं तेरे शहर के लोग मेरे दामन छोड़ देते हैं तेरे शहर मैं क्या दूं मेरे हाल पर हंसते हैं तेरे शहर के लोग


मिलने से तो अच्छा था मैं मौत को भी गले लगा लेती किसी के रुठ जाने से मुझे सजना नहीं आता रुठ जाने से मुझे सजना नहीं आता तेरी बेदर्द दुनिया से मुझे लड़ना नहीं आता


मैं जानता हूं बो मेरे साथ रह कार बहुत तकलीफ हुई पर तुमने कितनी आसानी से कह दिया ना कि अब मुझे भूल जाओ मुझे भूल ना तो इतना आसान नहीं हैबीर बी मैं कोशिश करूंगा और आज के बाद मैं तुमसे कभी नहीं मिलूंगा


जवाब दो हर बात का दिया जा सकता है मगर जो रिश्तो की हमीयत ना समझ पाया और शब्दों को क्या समझेंगे अलविदा कहते हुए जब उनसे कोई निशानी मांगी बो मुस्कुराते हुए बोले की जुदाई काफी नहीं है क्या


मुहब्बत जिंदगी बदल देती है मिल जाए जबभी और ना मिले तब भी ना मिले तब भी


सुना है जो देर से मिलते हैं वह दूर तक साथ चलते है


बहुत मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है मुश्किल से करता हूं तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है पर गुजारा होही जाता है


कुछ आंखे .ऐसी भी है, जो .कभी रोया .नहीं करती.. अलविदा कह देने .वालों से भी कोई शिकवा नहीं करती…


वो बात और है .की जुदा .होना कभी असान. नहीं.. किसी की .यादें गुजरते .वक्त से समझौता नहीं करती..


बे सबब आ .जाती है यादें अपनों की .इस दुनिया में. यादें ही हैं .जो इंसान से कभी खोया नहीं .करती..


मेरे .दरीचे से दूर, देखता रहा मै .दो अलग .राह को.. साथ .तो चलती है पर कभी एक दूजे से .मिला नहीं करती.


चन्द .हसीन .लम्हों के सिवा .यहां हसिल कुछ .भी तो नहीं.. पर जहां .प्यार हो. वहां जिन्दगी किसी से सौदा. नहीं करती.


तुम ख्वाबों में इन पर्दों में आया ना करो, हर सुबह जब मुस्कुराकर अलविदा कहना ही है, तो यूँ प्यार से हर रात गले लगाया ना करो.


लिपट लिपट कर कह रही है, ये जनवरी की आखरी शामे, अलविदा कहने से पहले, एक बार गले से तो लगा लो.


 वक्त नूर को बेनूर कर देता है, मामूली जख्म को भी नासूर कर देता है, कौन चाहता है, तुम्हें अलविदा कहना ये वक्त है, जो इंसान को मजबूर कर देता है.


 रुक सी गयी है ज़िन्दगी आज भी वही, जिस मोड़ पर तु ने अलविदा कहा था.


 मिलता था हर रंग जिन्दगी का जिसमें, वो आज अलविदा जाने क्यो कह रहा है.

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