Akelapan Shayari

Once upon a time, there was a person who felt very lonely. They had no friends or family and spent most of their days alone. They longed for someone to talk to and share their thoughts and feelings with.

One day, while walking through the park, they came across a stray dog. The dog seemed just as lonely as they were and they felt a connection to it. They decided to take the dog in and care for it.

As time passed, the person and the dog became inseparable companions. They would take long walks together, play together and the dog would listen to the person’s problems. The dog would wag its tail and the person would feel better.

The person found that they no longer felt as lonely as they once did. They had a companion who was always there for them and they were grateful for the dog’s companionship. They realized that even though they were alone, they were not truly lonely.

From then on, the person and the dog lived happily together and their friendship brought them both joy and fulfillment.

एक बार की बात है, एक व्यक्ति था जो बहुत अकेला महसूस करता था। उनका कोई दोस्त या परिवार नहीं था और वे ज्यादातर दिन अकेले ही बिताते थे। वे किसी से बात करने और अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने के लिए तरस रहे थे।

एक दिन पार्क में टहलते हुए उनकी मुलाकात एक आवारा कुत्ते से हुई। कुत्ता उतना ही अकेला लग रहा था जितना वे थे और उन्होंने उससे एक जुड़ाव महसूस किया। उन्होंने कुत्ते को अंदर ले जाने और उसकी देखभाल करने का फैसला किया।

जैसे-जैसे समय बीतता गया, व्यक्ति और कुत्ता अविभाज्य साथी बन गए। वे एक साथ लंबी सैर करेंगे, साथ खेलेंगे और कुत्ता व्यक्ति की समस्याओं को सुनेगा। कुत्ता अपनी पूंछ हिलाएगा और व्यक्ति बेहतर महसूस करेगा।

उस व्यक्ति ने पाया कि वे अब पहले जैसा अकेला महसूस नहीं करते थे। उनके साथ एक साथी था जो हमेशा उनके लिए था और वे कुत्ते के साथ के लिए आभारी थे। उन्होंने महसूस किया कि भले ही वे अकेले थे, वे वास्तव में अकेले नहीं थे।

तब से, वह व्यक्ति और कुत्ता एक साथ खुशी से रहने लगे और उनकी दोस्ती ने उन्हें खुशी और तृप्ति दोनों दी।

Akelapan Shayari or Quotes In Hindi ॥ अकेलापन शायरी हिंदी में

 

अकेलेपन से कोई बैर नही है मुझे, डरता हूँ की कोई याद ना आ जाये मुझे।


ये अकेलापन मुझे भाने लगा अब, करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब।


भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया।


बहुत कुछ सीखा रहा है मुझे मेरा अकेलापन,,, इतना तो मुझे मेरी किताबे भी ना सीखा सकी..!!”


यह अकेलापन का सफर भी कट जाएगा जिस दिन गम का बादल हट जाएगा..!


महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया !!


सुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती है, ये अकेलापन खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।


अकेलापन कहता है कोई महबूब बनाया जाए, जिम्मेदारियां कहती हैं वक़्त बर्बाद बहुत होगा।”


हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया, बची हमारी ये हसीं तो उसे हमनें पहले ही भुला दिया।


इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है….. मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन….


अकेलापन अब हमे सताता है, दिन मे सपने ओर रातो को जागता है।


मोहब्बत हैं मुझे मेरे अकेलेपन से, ये सुकून तेरी ख़ास महफीलों में भी नहीं।


अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ ना उदास हूँ बस खाली हूँ और खामोश हूँ


बहुत लोग अकेलेपन से भाग रहे है कुछ ऐसे लोग है जो एकांत चाह रहे है.


अकेलेपन को इतना अकेला बनाया मैंने, अपना किस्सा खुद अपने आप को सुनाया मैंने।


मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ, अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।


अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है, मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है।


क्या कहें जनाब कि अकेलापन क्यों इतना भाता है, खुद से बातों में अक्सर यू ही वक्त गुज़र जाता है।


तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को आज़माया हैं, मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।


इस अकेलेपन ने एक बात तो सीखा दी हैं, दिखावे की नज़दीकीयां से तो हकीक़त की दूरियां अच्छी हैं।


कुछ सफर हमें अकेले ही तय करने होते हैं।


मैं अकेला नहीं हूँ पर तुम्हारे बिना अकेलापन है।


थक गया हूँ मैं अकेलेपन से प्यार करते करते।


अकेले रहो लेकिन अकेलेपन में नहीं।


बनावटी रिश्तों से तो बेहतर ही है… अकेलापन।


किसी के साथ रहकर दुखी होने से बेहतर है, अकेलापन।


मैं लोगों से नफरत नहीं करता, बस अकेलापन अच्छा लगता है।


कभी कभी आपके आस पास लोग होते हैं, फिर भी अकेलापन लगता है।


मैं कभी अकेला महसूस नहीं करता क्योंकि मेरा अकेलापन हमेशा मेरे साथ है।


कभी कभी चेहरे की मुस्कान के पीछे अकेलेपन का दर्द छुपा होता है।


अकेलेपन से कोई मर नहीं जाता, लेकिन जीने का अंदाज़ जरूर बदल जाता है।


आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को, तो संभाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।


जनाब खुद से खुद की पहचान करा देता है ये अकेलापन, लोगो के बीच आपकी एक अलग सी पहचान बना देता है ये अकेलापन।


अब इंतज़ार की आदत सी हो गई है, खामोशी एक हालत सी हो गई है, ना शिकवा ना शिकायत है किसी से, क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।


गम से लड़ने को देदे कोई ढाल मुझे या इस दर्द से निकाल मुझे ऐ अकेलापन मुझे मिटाने पे तुला है खुदा अब तू ही संभाल मुझे


हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है, हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है, अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है…


अब इस भीड़ में जीना दुश्वार सा लगता है, अकेलापन ही अब जैसे संसार सा लगता है, औरों से मिली मोहब्बत में वो मज़ा कहां जनाब, अब तो ख़ुद में ही खो जाना ही प्यार सा लगता है।


जिंदगी में जब से अकेलापन आया है, लगता है जवानी में बचपन आया है.


नाराजगी किसी से नहीं ज़िन्दगी से थोड़ी शिकायत है, अकेलेपन से बहुत उब गया अब सुकून की चाहत है।


अकेले जीनी है जिंदगी ये अब मैंने जान ली है अकेलापन से लड़ने की अब मैंने भी ठान ली है।


इस चार दिन की जिंदगी में, हम अकेले रह गए, मौत का इंतजार करते करते, अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।


मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।


इश्क़ की नादानियों में मैं खूब रोया हूँ अपनी इस जिंदगी में अकेलापन बोया हूँ.


ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है इस मोहब्बत में यारो बहुत घाटा है


जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां, जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।


जा रही हो तो चली जाओ फिर लौट कर माता आना, जल्द ही मैं अकेलेपन से बेपनाह मोहब्बत कर लूँगा।


बड़े ही हसीन अंदाज से उसने दिल पर वार किया पहले प्यार किया फिर अकेलापन देकर दरकिनार किया..!


निराशा, तन्हाई, अकेलेपन को जीतना होगा, जिंदगी में हुनर अकेले चलने का सीखना होगा।


अकेलेपन से डरने की कोई बात नहीं होती, बस आपको खुद का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।


अकेलेपन पर कभी मत करना विश्वास, क्योंकि ईश्वर हमेशा होता सबके साथ.


इश्क़ बिना ज़िन्दगी आ जाता है खालीपन्, हमे पसंद नहीं ऐसा अकेलापन।


मोहब्बत हैं मुझे मेरे अकेलेपन से, ये सुकून तेरी ख़ास महफीलों में भी नहीं।


मैंने अकेलापन चुना नहीं है, केवल स्वीकार किया है।


अब मुझे रास आ गया अकेलापन,  अब आप अपने वक़्त का अचार डाल लीजिए।


मुझे अब अपने अकेलेपन में मज़ा आने लगा है, अब तुम अपना वक़्त लो और भाड़ में जाओ।


कल मैंने ख्वाब बोए थे आज अकेलापन काटा है, इस मोहब्बत में यारो हद से ज्यादा घाटा है।


मैं सुबह से अकेले ही बैठा था मगर, शाम को उसके जानें के बाद का अकेलापन मुझे चुभनें लगा है।


मेरे शहर में अपनों की कोई कमी तो न थी, फिर भी अकेले यूँ तुझसे मिलने चले आये।


हमें पसंद है अकेले में रोना, सापों से दोस्ती का सबब झेला है मैनें।


अश्क़ भी अब सूखनें की कगार पे हैं, अब अकेले जीनें के आदत सीखनी होगी ही मुझे।


उन किनारे के पत्थरों को ख़ामोश रहनें दो, बड़े दिन से अकेले हैं कहीं इश्क़ न कर बैठें।


हर शर्त मानना मोहब्ब्त में ज़रूरी है क्या, मोहब्ब्त तो दोनों तरफ़ से थी तो मैं अकेला क्यों रोऊँ।


हर बात का ज़वाब होता था उसके पास वो आख़िरी ज़वाब जो मिल जाता उससे यूँ अकेला मैं रों रहा नहीं होता।


मेरा मन नहीं करता कि मैं उसे अब मना लाऊँ, गर ये नाटक-ए-ज़िन्दगी इश्क़ है तो हम अकेले अच्छे।


वो ख़ुद को मुझसे जोड़ने में लगा रहता है रात-दिन, मैं मजबूर हूँ कमानें के लिए अकेले शहर आया हूँ।


वो दुआएं फिर भी उसके नाम की हर रोज़ करती है , बेटे को उसे वहाँ अकेले छोड़े एक अरसा हो गया।


आज मैनें देखा है उसे  मुस्कुराते हुए, एक हम ही अकेले छटपटा रहें है उसके जानें के बाद।


मैं किनारे जाकर दरिया-ए-मोहब्ब्त के अकेला लौट आया हूँ, मैं कमज़ोर खिलाड़ी इस खेल के क़ाबिल नहीं था।


सुनो एक काम कर दोगे, मुझसे जी नहीं जा रही ये जिंदगी अकेले मेरे साथ जीओगे??


अब कैसे किसी ग़ैर का ऐतबार कर पाएँगे हम, वक़्त नें सिखा दिया है अकेले रहना और कम बोलना।


एक मैं ही अकेला दौड़ थोड़ी रहा था उसे पानें की रेस में, पर बस मुझे ये था कि उससे इश्क़ करता हूँ मैं पाना न पाना अलग बात है।


मैं अकेला चलनें से डरता नहीं मगर, तू साथ होता है चलनें में मज़ा आता है।


मैं अकेला रहना चाहता हूं उसकी ख़ातिर, वो गर कभी लौटे और मैं ना मिलूँ ये सोच भी मुझसे मार देगी।


मैं सुबह से अकेले ही बैठा था मगर, शाम को उसके जानें के बाद का अकेलापन मुझे चुभनें लगा है।


बहुत मसरूफ़ रहा वो अपनें काम काज में, बहुत अकेला रह गया मैं बस उसके इंतेज़ार में।


बड़े ख़ुश्क़िस्मत होते हैं वो लोग जिनके सपनें पूरे होते हैं, हम  उनमें से हैं जो अकेले ही रातों को रोते हैं।


अकेले चलना बड़ा मुश्किल काम है, पर यकीन मानिए जानना ज़रूरी है एक बार औक़ात अपनीं भी।


सारा जमाना तेरे रुखसार पर फिदा हैं, बस हम अकेले तेरे रूह के दीवाने हैं।


वो ख़ुश हैं अपनों में हम भी अकेले ख़ुश हैं, वादे पर क़ायम रहना कोई हम से सीखिए।


दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ , मैं अकेला सच को लेकर शाम तक बैठा रहा ।


मैंने तमाम बुरे लम्हात अकेले गुजारे, मैं किसी का शुक्र गुजार नहीं हूँ।


इस दुनिया में हर वो शक्स अकेला है, जिसने किसी को दिल से चाहा।


एक आदत सी है सब कुछ ठीक है कहने, की पर बेकार है ये आदत सब अकेले सहेने की।


अकेले है कोई गम नहीं, जहां इज्जत नहीं वहां हम नही।


छोड़कर गए अपनो को कब तक अपना समझूं, ऐ जिंदगी तू अकेले क्यू नही गुजरती।


अकेले में उनसे दिल की क्या बात हो गई, लोगो केे मन में फिर शक की शुरूआत हो गई।


अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफर, हर सफर में हमसफर नही होते।


सारा जमाना तेरे रुखसार पर फिदा हैं, बस हम अकेले तेरे रूह के दीवाने हैं।


बोहोत शोक था दूसरो को खुश रखने का, होश तब आया जब में खुद अकेला आया।


अकेले पन को इतना अकेला बनाया मैंने, अपना किस्सा खुद अपने आप को सुनाया मैंने।


मैं उस रास्ते पर भी अकेला चला हूँ, जहां मुझे किसी की शक्त ज़रूरत थी।


रातों में खूब बातें होतीं हैं खुद से,  कौन कहता है अकेला हूँ मैं।


कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।


अकेला छोड़ दे मुझको,  वरना  प्यार हो जाएगा तुझको।


अकेले महसूस करो ख़ुद को तो मुझसे बात करना, फ़िर भी मन ना लगे तो मुझसे मुलाक़ात करना।


अक्ल आयी थी मशवरा देने, इश्क़ ने मुस्करा के टाल दिया।


ए इश्क़, मुझे माफ़ कर, मैं अपने घर का एक अकेला ज़िम्मेदार हूं।


तूफान तक सह सकते हैं लोग, अकेले सन्नाटा झेल नहीं पाते।


वो जो सबसे अकेला शख्स है ना, कभी हर एक को दोस्त बनाने की आदत थी उसे।


तुम्हारे बिना मैं उतनी ही अकेली हूं, जितनी एक पैर की चप्पल।


बात करो रूठे यारों से सन्नाटे से डर जाते हैं, इश्क़ अकेला जी सकता है दोस्त अकेले मर जाते हैं।


किसी को बार-बार विश्वास दिलाना पड़े, ऐसी मोहब्बत से तो अकेलापन ही ठीक है।

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