The eyes are intricate and captivating organs, often referred to as the windows to the soul. Their mesmerizing beauty lies not only in their diverse hues but also in their remarkable functionality. The iris, a delicate and colorful ring, surrounds the pupil, adjusting its size to control the amount of light that enters. The cornea, a clear dome-like structure, acts as a protective shield while also aiding in light refraction. Behind the scenes, the crystalline lens focuses light onto the retina—a complex layer containing photoreceptor cells that convert light into electrical signals, enabling us to perceive the world around us. The subtle dance of these components results in an awe-inspiring symphony of vision, where every shade of color, every glint of light, and every nuance of expression is brought to life. Truly, the beauty of the eyes extends beyond their external allure, encompassing the extraordinary gift of sight they bestow upon us. Certainly! Beyond their physical structure, the eyes hold a wealth of emotional depth and communicative power. They are often regarded as a powerful means of expressing emotions and intentions. The way our pupils dilate can reveal our emotional state—widening when we’re interested or aroused, and constricting when we’re focused or in brighter environments.Moreover, the concept of “eye contact” is integral to human interaction. When we meet someone’s gaze, we establish a connection that transcends words. Eye contact can convey empathy, confidence, sincerity, or even vulnerability, making it a vital element of nonverbal communication.In various cultures and art forms, eyes have been romanticized as symbols of insight, wisdom, and spiritual depth. Poets and writers have often used phrases like “eyes are the mirror of the soul” to convey the idea that our eyes can reflect our innermost thoughts and emotions.From an anatomical standpoint, the eyes’ complexity is fascinating. The retina, for instance, contains two main types of photoreceptor cells: rods and cones. Rods are responsible for low-light vision, while cones enable us to perceive color. This intricate arrangement of cells contributes to the vivid and nuanced visual experience that we often take for granted.In the realm of medical science, the eyes provide valuable insights into our overall health. Ophthalmologists can detect systemic diseases like diabetes and hypertension by examining the blood vessels and structures within the eye.The evolution of eyes across species is also a captivating subject. From simple light-sensitive spots to the sophisticated camera-like eyes of some creatures, the adaptations that have occurred over millions of years are a testament to the importance of vision in survival.In summary, the eyes are not only physically stunning but also rich in their symbolism, emotional expressiveness, and scientific marvel. They connect us to the world, to each other, and to our own inner selves, making them a truly remarkable and beautiful aspect of human existence.
अल्फाजों ने खामोशी से इश्क कर लिया है, और, कमबख्त, आंखों को कुछ कहना नहीं आता है |
कोई तो नशा है तेरी आंखों में, वरना पहली नजर मिलते ही हम अपना होश थोड़ी ना गवा देते |
ये आंखें भी मेरी कमाल करती है, चुप रहती हु मैं ये सवाल करती है |
मुस्कुराना बेकार है आपका, आंखें पढ़ना जानता हु में |
जब शरमाना हुआ यूं उनकी पलको का, तब मैंने नूर को उस बिंदी में छुपते देखा है |
नज़र का, नज़र से, नज़र को छूना, बेमिसाल कर गया, नज़र का नज़र से नज़र मिलाना |
आज तुम्हारी आंखें दर रही है बात करने से, लगता है वफा की रोशनी चली गई है |
आंखें देख कर दंग रहने वालों जरा सब्र करो, रुखसार से नकाब जो सरका तो कयामत होगी |
आपकी इन नशीली आंखों को ज़रा, झुका दीजिए मोहतरमा, मेरे मजहब में नशा हराम है |
तुमने देखा है फख्र आंखों को, तुमने आंखों में कहा देखा है |
जो आंखें शब्द लिखा करती, तो गुलजार होते तुम | – गुलजार
हम तैरना तो बखूबी जानते थे, फिर न जाने आपकी आंखों में कैसे डूब गए |
ये तेरी आंखों का ही नशा है, जो किसी का होने नही देता वरना, कोशिश तो लाखो ने की |
तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी, दोनों को ही एकअदा में रजामंद कर गई।
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ, कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने, अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर, मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।
मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब, वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये।
कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं, आँखों में आँखें डालकर देखा न कीजिए।
जीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने, खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे।
क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो, मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये?
सस्ती मेरे शहर में शराब हुई है, जबसे तुम्हारी आँखे बेनकाब हुई हैं।
यह दमकता हुआ चेहरा, यह नशीली आंखें, चाँदनी रात में मैखाना खुला हो जैसे।
उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर, दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।
दिखा के मदभरी आंखें कहा ये साकी ने, हराम कहते हैं जिसको यह वो शराब नहीं।
मै उस की आंखों को नही देखता, क्योंकि रमजान मे नशा हराम है।
उसकी आंखे इतनी गहरी थी की , तैरना तो आता था मगर डूब जाना अच्छा लगा।
कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में, हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है।
ये कसूर तुम्हारा नहीं, तुम्हारी इन आँखों का है, नहीं संभलती देख, इश्क में बरबाद लोगों को।
तुम्हारे चाँद से चेहरे की अगर दीद हो जाए, कसम अपनी आँखों की ,हमारी ईद हो जाए।
उसने चुपके से मेरी आँखों पर हाथ रखकर पूछा बताओ कौन, मैं मुस्कराकर धीरे से बोला मेरी जिन्दगी।
वो आँखों से ज़ुल्फ़ें हटाते हैं ऐसे, क़रीने से कानों में लगाते हैं ऐसे, अदा है ये उनकी, यूँ नज़रे मिलाना, मिला के वो नज़रे झुकाते है ऐसे।
नशीली आँखों से तुम जब हमें देखते हो, हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं, कौन मिलाए तुम्हारी आँखों से आँखें, सुना है आप आँखों से अपना बना लेते है।
नशीली आँखों में आपकी जो, जो इश्क़ मुस्करा गया, सदियोँ से सोई तमन्नाओ को, को ज़िन्दगी दिला गया।
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर, इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
एक सी शोखी खुदा ने दी है हुस्नो-इश्क को, फर्क बस इतना है वो आंखों में है ये दिल में है।
देखा है मेरी नजरों ने, एक रंग छलकते पैमाने का, यूँ खुलती है आंख किसी की, जैसे खुले दर मैखाने का।
ख़ुद न छुपा सके वो अपना चेहरा नक़ाब में, बेवज़ह हमारी आँखों पे इल्ज़ाम लग गया।
खूबसूरती को आंखों से देखा जाता है, व्यक्तित्व को हृदय से देखा जाता है।
मैं तुम्हारे हाथों को पकड़ना चाहता हूं, तुम्हारी आंखों में खो जाना चाहता हूं, मेरे बगल में अपने दिल की धड़कन महसूस करना, और कहना कि मैं तुमसे प्यार करता हूं।
मुझे तुम पर और तुम्हारी आँखों पर भरोसा था, दोनों ने मुझे डस लिया।
खूबसूरत आंखें, आत्माओं के अंधेरे को रोक देती हैं।
मैं इस दुनिया से प्यार करता हूं, क्योंकि मैं अपना खूबसूरत प्यार देख सकता हूं।
आपने कहा, आप ठीक हैं, लेकिन आँखें एक अलग कहानी कह रही हैं।
आपकी आंखें वे शब्द बोलती हैं, जो आपके होंठ कभी नहीं कहते।
जब भी मैं तुम्हारी आँखों में देखता हूँ, मैं उनमें खो जाता हूँ।
मानो या न मानो, मैं तुम्हें अपनी आँखों के लिए प्यार करता हूँ।
मेरी आंखें कहती हैं कि मैं निर्दोष हूं, लेकिन मेरे होंठ कहते हैं कि मैं दुष्ट हूं।
तुम अपने होंठों से चूम सकते हो, मैं अपनी आँखों से चूम सकता हूँ।
अपनी सुंदर आंखों को दान करें, दूसरे आपके बाद इस दुनिया को देख सकते हैं।
असली आंखें, असली झूठ देखती हैं।
सौंदर्य को आंखों से देखा जाता है, व्यक्तित्व को हृदय से देखा जाता है।
आंखें, आत्मा का दर्पण हैं।
एक व्यक्ति की आँखें एक कहानी बताती हैं, आपको बस यह सीखना है कि इसे कैसे पढ़ना है।
मेरी आँखों में देखो और तुम मुझे पाओगे, लेकिन मेरे दिल में देखो और तुम पाओगे।
मैं आपकी खूबसूरती को, अपनी आंखों में झांकना चाहता हूं।
कहते हैं तुम मुझसे प्यार करते हो, लेकिन आँखों से।
हर बंद आंख नहीं सो रही है, और हर खुली आंख नहीं देख रही है।
सच्चा सौंदर्य आत्मा के भीतर है, बाहर के अतीत को आत्मा के भीतर देखो और तभी तुम सच्चे व्यक्ति को देख सकोगे।
आंखें मुंह से ज्यादा बोलती हैं, इसे पढ़ने की कोशिश करें।
क्या नींद, क्या ख्वाब, आँखे बन्द करू तो तेरा चेहरा, आंख खोलू तो तेरा ख्याल।
किसी और के दीदार के लिए, उठती नही ये आँखे, बेईमान आँखों में थोड़ी सराफत आज भी है।
हमें आपका दीदार क्या करना, जब हम तेरी आँखों में हैंं, हमें दिल का क्या करना, जब हम तेरी सांसो में हैं।
तुझे छूने की हसरत, ना जाने क्या ख़्वाब दिखा जाती है, आँखों में इन्तजार, और रातो की नींद उड़ा जाती है।
नजरें तुम को ही देखना चाहें, तो मेरी आँखों का क्या कसूर है, खुशबू तुम्हारी ही आए, तो मेरी साँसो का क्या कसूर है।
साँस तो लेने दिया करो, आँख खुलते ही याद आ जाते हो।
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा, हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया।
जिस्म संदल सांस खुशबू आंख बादल हो गयी, आपसे घुलकर हमारी रूह पागल हो गयी, एक कंकड़ प्यार से फेंका ये किसने झील में, आज फिर ठहरे हुए दरिया में हलचल हो गयी।
इन धड़कनो में तुम्हे बसा लू, इन आँखों मे तुम्हे सजा लू, मेरे दिल की आरज़ू हो तुम, इन सांसो में तुम्हे छुपा लू मैं।
तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर, ये कशिश कलम से बयाँ करना भी, मेरे बस की बात नही।
शाम होते ही तेरे प्यार की खुशबू. आंखों से नींद और सुकून दिल का चुरा लेती है।
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने, अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
तेरी चाहत मेरी आँखों में है, तेरी खुशबू मेरी सांसो में है, मेरे दिल को जो घायल कर जाए, ऐसी अदा सिर्फ तेरी बातो में है।
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी, कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती।
उल्टी ही चाल चलते हैं इश्क़ के दीवाने, आँखों को बंद करते हैं दीदार के लिये।
जब जब याद तेरी आयी, आँख बंद कर के दीदार कर लिया।
नरगिसी आँख डोरे गुलाबी, मस्त ये हुस्न है मय के प्याले, शैख गर देख ले तुझको जालिम,अपनी तौबा वही तोड़ डाले।
पायल तेरी, झुमकी तेरी, और ये जो नथनी नाक की, हुस्न तो, जो है सो है, ख़लिश हैं लोगों की आंख की।
ये आईने नही दे सकते तुझे तेरे हुस्न की ख़बर, कभी मेरी इन आँखों से आकर पूछ तुम कितनी हसीन हो।
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।
एक सी शोखी खुदा ने दी है हुस्नो-इश्क को,फर्क बस इतना है वो आंखों में है ये दिल में है।
सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैंइजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों.
दीवाने हैं तेरे, इस बात से इंकार नहीं,कैसे कहें कि हमें तुमसे प्यार नहीं,कुछ तो कसूर है तेरी इन आँखों का,हम अकेले तो गुनहगार नहीं।
होता है राजे-इश्को-मोहब्बत इन्हीं से फाश,आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।
आँखों से आँखें मिला कर तो देखो,हमारे दिल से दिल लगा कर तो देखो,सारे जहान की खुशियाँ तेरे दामन में रख देंगे,हमारे प्यार पर ज़रा ऐतबार करके तो देखो.
होंठो पर हसी आँखो मे नमी है,हर सांस कहती है बस तेरी ही कमी है।।।
जब नज़र से नज़र मिलती है,तो इश्क की चिंगारी जल उठती है
आँखें नीची हैं तो हया बन गई,आँखें ऊँची हैं तो दुआ बन गई,आँखें उठ कर झुकी तो अड़ा बन गई,आँखें झुक कर उठी तो कदा बन गई।
उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।
वो आंखो मैं काजल वो बालों मैं गजराहथेली पे उसके हीना महकी-महकीये कौन आ गयी दिलरुबा महकी-महकीफ़िजा महकी -महकी हवा महकी-महकी.
वो बोलते रहे… हम सुनते रहे…जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे।
साकी को गिला है कि उसकी बिकती नहीं शराब,और एक तेरी आँखें हैं कि होश में आने नहीं देती।
आँखों में हया हो तो…पर्दा दिल का ही काफी है,नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं…इशारे मोहब्बत के.
होंठो पर हसी आँखो मे नमी है,हर सांस कहती है बस तेरी ही कमी है।।।
उनकी आँखों का जब-जब मुझपे जादू चलता है, मेरा आशिक दिल एकदम से मचल पड़ता है
हम भटकते रहे थे अनजान राहों में,रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में,अब तमन्ना हुई है फिर से जीने की हमें,कुछ तो बात है सनम तेरी इन निगाहों में।
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
अपनी आँखों मैं छुपा रखे हैं जुगनू मैंनेअपनी पलकों मैं सजा रखे हैं आँसू मैंनेमेरी आँखों को भी बरसात का मौक़ा दे देसिर्फ एक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे.
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए,हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.