
आओ झुककर सलाम करे उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है। खुशनसीब होते हैं वो लोग, जिनका लहू इस देश के काम आता है।

सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ, दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ।

कभी सनम को छोड़ के देख लेना, कभी शहीदों को याद करके देख लेना, कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो, देश से कभी इश्क करके देख लेना।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।

कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं, कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं।

मर मिटे इस मिट्टी के लिये, जो स्वर्ग से भी प्यारी हैं, बाहें खोल ए मातृभूमि, ‘दुनिया में सबसे प्यारी हैं।

ज़िंदाँ में शहीदों का वो सरदार आया शैदा-ए-वतन पैकर-ए-ईसार आया है, दार-ओ-रसन की सरफ़राज़ी का दिन सरदार भगत-सिंह सरदार आया।

तिरंगे ने मायूस होकर सरकार से पूछा कि ये क्या हो रहा हैं, मेरा लहराने में कम और कफन में ज्यादा इस्तेमाल हो रहा हैं।

खूब बहती है गंगा बहने दो मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो, लाल हरे में मत बांटो मुझको छत पर मेरे एक तिरंगा रहने दो।

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा, मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा।

सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले हैं उसकी यह गुलसिता हमारा, परबत वो सबसे ऊंचा हमसाया आसमां का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा।

देश के लिए प्यार है तो जताया करो किसी का इन्तजार मत करो, गर्व से बोलो जय हिन्द अभिमान से कहो भारतीय है हम।

चिराग जलते है तो जलने दो आसमां रोशन होता है होने दो, बंद करो हिन्दू मुस्लिम को बाटने का धंधा, अब हमे मिलजुलकर एक तिरंगे के नीचे रहने दो।

चलो फिर से खुद को जगाते हैं, अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं, सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का, शहीदों के लहूँ से, ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।

ना सरकार मेरी है ना रौब मेरा है, ना बड़ा सा नाम मेरा है, मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है, मै हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है।

बर्फ के पहाड़ों पर आग सा जलता है, रेत के रेगिस्तान में वो हिम सा ठहरता है, एक फौजी ही तो है जनाब जो देश पे मर कर भी जिंदगी जी जाता हैं।

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा, हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा, मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं, हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा।

मेरा कत्ल कर दोकोई शिकवा ना होगा, मुझे धोखा दे दो कोई बदला न होगा, पर जो आँख उठी मेरे वतन ए हिन्दुस्तान पे, तो फिर तलवार उठेगी और फिर कोई समझौता न होगा।

दिलदारों सा दिल रख कर वहाँ भी अपनी यारी निभा लेते है, हँसी ठिठोली की खूब बातें कर मन के जज़्बात को आसानी से छुपा देते है।

ऐ वतन इस क़दर उदास न हो, इस क़दर ग़र्क़-ए-रंज-व-यास न हो, फूट की आग हम बुझा देंगे, क़त्ल-व-ग़ारत-गरी मिटा देंगे।

खूब बहती हैं अमन की गंगा बहने दो, मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो। लाल हरे रंग में ना बाटो हमको, मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।

जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं, माँ की चरणों में अपना शीश चढ़ाकर, देश की आजादी बचाते हैं, देश के लिए हँसते-हँसते अपनी जान लुटाते हैं।

करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं, देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं, वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां, हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं।