“आप के कार्य और भी आसान हो जाते हैं , अगर आप अपना दिन योग से शुरू करते हैं।”
सुखमय हर दिन बनाना है अगर तो योग को अपने जीवन में अपनाना ही पड़ेगा।
जब पूरी तरह अनुशासित होकर अपने मन से सभी इच्छाओं से नियन्त्रण प्राप्त कर लेते हैं तब हम अपने आप को जान पाते है
“योग हर तरह के अवसाद को दूर करने में पूर्ण कारगर है। 20 – 40 मिनट प्रतिदिन खर्च करें और पूरा दिन ऊर्जावान व आनंदित रहें।”
शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति योग से ही हो सकती है।
“दूसरों की मदद करने से पहले हमें खुद की मदद करने के काबिल होना होगा और ये आपके अच्छे स्वास्थ्य के बल से ही होगा। इसलिए प्रतिदिन योग करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।”

सफलता की और बढ़ना है, तो पहले आपको योग की और बढ़ना पड़ेगा।
“आपकी सफलता तीन चीज़ो से मापी जाती हैं, धन, प्रसिद्धी और मन की शांति। धन और प्रसिद्धी पाना आसान हैं परन्तु “मन की शांति” केवल योग से ही मिलती हैं।”
जीवन में हर तरह का विकास आपको नित्य योगा का अभ्यास करने से प्राप्त हो सकता है।
“योग करने से ही मन और शरीर दोनों स्वस्थ होते हैं। यदि शरीर व मन स्वस्थ नही हैं तो आपका किसी भी लक्ष्य तक पहुँचाना असम्भव हैं।”

योग शरीर को ही रोगमुक्त नहीं करता बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक स्तर पर मानव को सशक्त, शांत और ओजस्वी बनाता है।

स्वस्थ दिमाग और स्वस्थ शरीर के लिए योगा नित्य करें।
“योग वह प्रकश है जो एक बार जला दिया जाये तो कभी कम नहीं होता है। अत: जितना अच्छा आप अभ्यास करेंगे, लौ उतनी ही उज्जवल होगी।”
योगा केवल चीजों को देखने के तरीके को नहीं बदलता है, यह देखने वाले को बदल देता है।
स्वयं को बदलो, जग बदलेगा योग से सुखमय हर दिन खिलेगा।
“हमारे पास प्राचीनकाल में स्वास्थ्य बीमा नहीं था लेकिन हम सभी के पास योग एक ऐसा अभ्यास है जो बिना एक पैसे खर्च किये हमारे स्वास्थ्य की गारंटी देता है।”
योगा केवल वर्क-आउट नहीं है, योग के ध्यान से हमारी अंतर शक्ति जागती है, ताकि हम जान सके हम क्या हैं और हमें अपने जीवन से क्या चाहिए।
“कहा जाता है कि एक व्यक्ति को योग के द्वारा स्वयं के साथ मिलना है। जब पूरी तरह अनुशासित होकर अपने मन से सभी इच्छाओं से नियन्त्रण प्राप्त कर लेते हैं तब हम अपने आप को जान पाते है।”
“योग बहुत ही आश्चर्यजनक है। इससे हमारे स्वास्थ्य की समस्याएं दूर तो होती हैं तथा साथ में खुद का अवलोकन भी होता है।”
योग के ध्यान से हम अपने जीवन में सभी मुश्किलों और दुखों को आसानी से झेल सकते हैं।
हर दिन योग के लिए एक बढ़िया दिन होता है!
“योग हमे खुशी, शांति और पूर्ति की एक स्थायी भावना प्रदान करता है।”
योग हमें सिखाता है कि जिसे ठीक नहीं किया जाना चाहिए या जिसे ठीक नहीं किया जा सकता, उसे सहन करना चाहिए !!
जो करता योग, उसको नहीं छूता रोग योगी बनो पवित्री बनो, जीवन को सार्थक बनाओ।
मन को शांत करना योग है, नाकि सिर्फ सिर के बल खड़ा होना !
“योग हमारी कमियों पर प्रकाश डालता हैं, उन्हें दूर करने का नया रास्ता तलाशता हैं।”
शरीर एक मंदिर है। इसे शुद्ध और स्वच्छ रखें ताकि आत्मा का इसमें वास रहे !!
“योग आपके मन को शांत करने का एक प्राचीन तरीका है।”
योग है स्वास्थ्य के लिए लाभकारी योग रोगमुक्त जीवन के लिए गुणकारी।
योग भारत जितना ही पुराना है!
योग ध्यान और अनुशासित जीवन का एक रूप है!
योग वह प्रथा है जो भारत में उत्पन्न हुई है लेकिन व्यापक रूप से प्रचलित है!
योग- आराम और शांत महसूस करने का एक तरीका है!
कमजोरियाँ हमारे अंदर डर पैदा करती हैं, योग उन्हें दूर करता हैं.
योग हम सभी के लिए एक वरदान है!
योग हमारे जीवन की शक्ति, ध्यान करने की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाता है योग मनुष्य के शरीर, मन और भावना को स्थिर और नियंत्रित भी करता है
चलो अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाये, पूरे विश्व में हम योग कराये.
जो रखा करते है अपने स्वास्थ्य का ध्यान वही लोग बनते है महान।।
स्वस्थ रहना हमारे शरीर के लिए सबसे बड़ा उपहार होता हैं। स्वास्थ ही सबसे बड़ी सम्पति होती है और सबसे अच्छा रिश्ता होता है।
योग, जीवन का वह दर्शन हैं, जो मनुष्य को उसके आत्मा से जोड़ता हैं।
सफलता तीन चीज़ो से मापी जाती हैं धन, प्रसिद्धी और मन की शांति धन और प्रसिद्धी पाना आसान हैं “मन की शांति” केवल योग से मिलती हैं
योग ही हमारे शरीर के स्वास्थ्य, भूख और नींद के लिए सर्वश्रेष्ठ पोषण होता है।
यदि शरीर व मन स्वस्थ नही हैं तो लक्ष्य को पाना असम्भव हैं योग करने से मन और शरीर दोनों स्वस्थ होते हैं
जिस तरह से मोबाइल फोन हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है, ठीक उसी प्रकार आप योग को भी अपने जीवन का एक हिस्सा बना सकते है।
योग मनुष्य के मानसिक, शारीरिक और आघ्यत्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
उसे हर कोई कर सकता है छोटा, बड़ा, अमीर, ग़रीब, ना औषघि की आवश्यकता है ना ही बीमारी आये क़रीब।
योग हमे खुद से मिलता है योग ईश्वर की अनुभूमि दिलाता है।
आज के इस भागमभाग भरी जिंदगी में हम सब अपने आप से ही अलग हो गये है इसलिए योग हमे अपने आप से पुन: जोड़ने में में मदद करता है।
“योग है स्वास्थ्य के लिए क्रांति। नियमित योग से जीवन मे हो सुख शांति।”
चलो विश्व योग दिवस को मनाये पुरे विश्व को स्वस्थ्य होने का मंत्र बताये।
जिसने योग अपनाया उसने रोग को हमेशा के लिए दूर भगाया।
योग कीजिये रोग दूर भगाइए रोज कीजिये और जीते जाईये।
“स्वस्थ्य जीवन जीना जिंदगी की जमा पूँजी। योग करना रोगमुक्त जीवन की कुंजी।”
योग यौवन का फव्वारा है आप उतने ही नौजवान है जितनी आपके रीढ़ की हड्डी लचीली है।
“योग कीजिए, रोग दूर भगाइए। रोज कीजिये, और जीते जाईये।”
योग घर्म नहीं एक विज्ञान है यह कल्याण का विज्ञान यौवन का विज्ञान शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विज्ञान है।
“स्वास्थ सबसे बड़ा उपहार हैं, संतोष सबसे बड़ा धन हैं, यह दोनों योग से ही मिलते हैं।”
सुबह हो या शाम रोज कीजिये योग, निकट ना आएगा कभी आपके कोई रोग।
नहीं होती है उनको बीमारी जो योग करने की करते समझदारी।
“नियमित योग कीजिए। जिन्दगी भर रोग से दूर रहीए।”
रोगमुक्त जीवन जीने की हो चाहत, नियमित योग करने की डालो आदत।
“योग से सिर्फ रोगों, बीमारियों से छुटकारा ही नही मिलता है बल्कि यह सबके कल्याण की गारंटी भी देता है।”
योग मन को शांत करने का एक अभ्यास है।
योग से तुम दोस्ती कर लो अपने हर दर्द को खुद दूर कर लो।
विश्व ने माना योग का लोहा योग ने दुनिया का मन मोहा।
“योग सिर्फ आत्म सुधार के बारे में नहीं बतलाता है, बल्कि यह आत्म स्वीकृति के बारे में सिखाता है।”
योगा हमे वो ऊर्जा प्रदान करता है जो हम हजारों घंटे भी अपना काम करके अर्जित नहीं कर सकते।
“योग सिर्फ कसरत ही नहीं है बल्कि यह खुद अपने आप पर काम करना है।”
योग बहुत ही आश्चर्यजनक है इससे हमारे स्वास्थ्य की समस्याएं दूर तो होती हैं तथा साथ में खुद का अवलोकन होता भी होता है
योग सिर्फ आत्म सुधार के बारे में नहीं बतलाता है, बल्कि यह आत्म स्वीकृति के बारे में सिखाता है