
हर_बात के [जवाब में मुस्कराना] ही अच्छा_है,
#क्योंकि अब हर किसी को $गोली तो मारी नहीं जा सकती।%%

{{ये_दिल💖 भी_कितना पागल_है,}}
हमेशा उसी_की💖 फिकर मे-
|| डुबा_रहता है 💖 जो-इसका होता ही नही_है।}}

–ज़िन्दगी– प्यारी और_बहुत –प्यारी– है पर सिर्फ_तब तक… जब तक –मैं– तेरा और –तूँ– सिर्फ –मेरी– है।

|| कैसे-हो -जाऊँ मैं तुम से जुदा, ||
||धडकन के बग़ैर-कोई जिन्दा-रह सकता-है भला !!!

#कोई #मुक़दमा #ही कर दो #हमारे #सनम #पर, कम-से-कम हर #पेशी पर #दीदार तो #हो।

%खुदा ने जब [इश्क़] बनाया होगा!!%
%तो खुद आज़माया_होगा.. हमारी_तो औकात ही क्या हैं…
%इस इश्क़ ने खुदा को भी रुलाया होगा…!!!❣❣


—सीने से लगा के (सुन )वो धड़कन–
–जो {तुझसे} मिलने_के इंतजार में है।—

मुझे_औरों से क्या #लेना-देना😙, मुझे तो बस_तुम:,😙 तुम्हारा_वक़्त 😙और @तुम्हारा 😙प्यार_चाहिये !!!😙
