कितना अजीब है ये फलसफा ज़िन्दगी का, दूरियाँ बताती हैं नजदीकियों की कीमत।
थोड़ी दूरियाँ भी ज़रूरी है ज़िन्दगी में, किसी के इतने करीब भी न जाओ की वो दूर चला जाये।
तेरे वजूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में, ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम।
दूरियाँ बहुत हैं पर इतना समझ लो, पास रहकर कोई रिश्ता ख़ास नहीं होता, तुम मेरे दिल के इतने करीब हो कि, मुझे दूरिओं का एहसास नहीं होता।
दूरियाँ बहुत हैं पर इतना समझ लो, पास रहकर कोई रिश्ता ख़ास नहीं होता, तुम मेरे दिल के इतने करीब हो कि, मुझे दूरिओं का एहसास नहीं होता।
चला जायेगा वक़्त ये भी जैसे तुम चले गए हो, दूरियों का दर्द सह नहीं पाओगे देखना लौटकर वापस चले आओगे।
दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब, तेरा ख़याल आ कर न जाये तो क्या करें।
तुझसे दूर रहकर कुछ यूँ वक़्त गुजारा मैंने, ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल-पल पुकारा मैंने।
खवाहिश नहीं मुझे उससे दूर होने की, जिसे में हर रोज चुप चुप के देखा करता हूँ।
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है लेकिन, तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा ही गुजरता है।
तमाम उम्र अपनी ज़िन्दगी से दूर रहे, तेरी ख़ुशी के लिए तुझसे दूर रहे, अब इससे बढ़कर वफ़ा की सज़ा क्या होगी, कि तेरे होकर भी तुझसे दूर रहे।
मेरी ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत होती, अगर तेरी चाहत अधूरी न होती, कुछ उलझनें कुछ मजबूरियाँ होती बेशक, मगर प्यार में इतनी दूरी न होती।
दूरी ऐसी है कि मिटती ही नहीं है, मैं तेरे पास भी आऊँ तो कहाँ तक आऊँ।
तू मुझसे दूरियां बढ़ाने का शौक पूरा कर ले, मेरी भी ज़िद है तुझे हर दुआ में माँगने की।
करीब आने की उन्हें फुरसत ही नहीं, और मुझपे इल्ज़ाम लगा है दूरी बनाने का।
मेरे दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता, तू दूर रह कर भी यूं मेरे पास नहीं होता, इस दिल में तेरी चाहत ऐसे बसा ली है, एक लम्हा भी तुझ बिन ख़ास नहीं होता।
ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर, कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते।
तुझसे दूर रहकर कुछ यूँ वक़्त गुजारा मैंने, ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल-पल पुकारा मैंने।
उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली, बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी, मेरे मुकद्दर में दर्द आया तो क्या हुआ, खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो, फिर तुम्हें पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं………!!
मेरे दिल को अगर तेरा एहसास न होता, तू दूर रह कर भी, मेरे पास नहीं होता, इस दिल में तेरी चाहत ऐसे बसा ली है, एक पल भी तुझ बिन ख़ास नहीं होता…………!!
दूरियों का ग़म नहीं अगर फ़ासले दिल में न हो, नज़दीकियां बेकार है अगर जगह दिल में ना हो…………!!
खुद के लिए एक सज़ा चुन ली मैंने, तेरी खुशियों की खातिर तुझसे दूरियां चुन ला मैने……..!!
हमारे दरमियाँ ये दूरियाँ न होती, और कुछ मेरी मजबूरियां न होती, रहते न यूँ मेरे हाथ खाली, गर ज़माने की ये बेड़ियाँ न होती……..!!
बोहोत खुश नसीब हूँ मै क्यूंकि, तेरे सबसे ज़्यादा क़रीब हु मै………!!
में तुझे दूरिया क्या दू वो हर पल तुझे मेरी याद दिलाये गा, तू मेरी सांसे ही ले ले वो हर पल तेरे दिल में आता जाता रहेगा…….!!
उम्र तो नहीं थी हमारी इश्क़ करने की दूरियों से डर लगता था, एक चहेरा देखा और इश्क़ कर बैठे दूरियों तो एक बहाना था……!!
दूरियों से दर्द नहीं होता जनाब, दर्द तब होता है जब कोई पास होके भी खामोश होता है……….!!
देता नहीं साथ कोई पूरी जिंदगी के लिए यहां जनाब, कुछ दिनों की दूरियां कुछ दिनों का प्यार सारी उम्र बैठे रहे तेरे याद में हम जनाब……….!!
जिंदगी की रफ्तार हाथों से फिसलते रेट की रफ्तार जैसी है, दूरियों का पल कब ख़तम होगा ना जाने वो पल किस वक़्त के पीछे छिपा बैठा है………!!
फेसबुक ने दूरियां बढ़ा दी है उनसे, पहले हमारे ही चहरे को पढ़ते थे वो, अब फेसबुक के किताब में अलग अलग चहरे ढूंढ़ते हैं वो………!!
दूरियाँ बहुत हैं पर इतना समझ लो, पास रहकर कोई रिस्ता खास नहीं होता, तुम मेरे दिल के इतने हो पास के, मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता………..!!
जरा करीब आओ तो शायद हमें समझ पाओ, ये दूरियाँ तो सिर्फ गलतफहमियां भरती हैं…………!!
जिंदगी शायद इसी का नाम है, दूरियां मजबूरियां तन्हाइयां……….!!
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं, लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है………….!!
उसकी उदासी तड़पती है बहुत, मजबूरियों के आगे घुटने टेके हैं हमने, कुछ दूरियां किस्मत में होती हैं, वर्ना लाखों सपने बुने है हमने………..!!
दूरियां बोलती पास के मायने, होते हैं जब भी वो आमने-सामने…………!!
दूरियां बढ़ा देती है …बेचैनियां…. जो दिल में हैं..वो नजदीक क्यूँ नहीं………..!!
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो, फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं………!!
इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए……….!!
तेरी नज़रों से ओझल हो जायेंगे हम, दूर फ़िज़ाओं में कहीं खो जायेंगे हम, हमारी यादों से लिपट कर रोते रहोगे, जब ज़मीन की मट्टी में सो जायेंगे हम………..!!
ये दूरी हमसे अब और सही नहीं जाती, बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है, तोड़ कर सारी दुनिया कि रस्मो-रिवाजों को, तुझे अपना बनाने को जी चाहता है………….!!
दूरियाँ जब बढ़ी तो, गलत फ़ेमिया बढ़ गयी, फिर तुमने वो भी सुन लिया , जो मैंने कहा भी नहीं…….!!
दरियों का ग़म नहीं, अगर फ़ासले दिल में न हो, नज़दीकियां बेकार है, अगर जगह दिल में ना हो…………!!
अपनी जीत पर इतना फक्र मत कर कभी न कभी ये तुझसे जुड़ा हो जाएगी, यकीं नहीं तो जा के मिट्टी से पूछ, मुकद्दर का सिकंदर कहाँ है इस वक़्त……….!!
हमारे दरमियाँ ये दूरियाँ न होती, और कुछ मेरी मजबूरियां न होती, रहते न यूँ मेरे हाथ खाली, गर ज़माने की ये बेड़ियाँ न होती………!!
ये दूरियां भी मंजूर है मुझे, गर यादो में मुझे बसा लो तुम………..!!
ज़रा “क़रीब” आओ.. तो शायद हमे समझ पाओ, यह “दूरियां” तो सिर्फ गलत फेहमियां बढाती हैं……….!!
मोहब्बत ऐसी थी के बतायी न गयी, चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी, चाहते नहीं थे उनसे दूर रहना, दूरी इतनी थी उनसे के मिटायी न गयी……….!!
जुदाई और दूरियों को कभी मत भूलना, हर किसी से जुड़ा होने का गम नहीं होता, जिसने दूरियां दी हो उससे मोहब्बत कम नहीं होता………!!
वो क़रीब बहुत है, मगर दूरियों के साथ हम दोनों जी तो रहे हैं, मगर मजबूरियों के साथ……….!!
बहुत खास है वो शक्स मेरे लिए, फिर भी वो मेरा दिल दुखाता है, सब के लिए वक्त है उसके पास, बस मुझसे ही दूरियां बनाता है………!!
तेरे वजूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में, ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम………!!
कितना अजीब है ये फलसफा ज़िन्दगी का, दूरियाँ बताती हैं नजदीकियों की कीमत………..!!
अभी कुछ दूरियां तो कुछ फासले बाकी हैं, पल पल सिमटती शाम से कुछ रौशनी बाकी हैं, हमें यकीन है वो देखा हुआ कल आएगा ज़रूर, अभी वो हौसले वो यकीन बाकी हैं…………!!
मुद्दत से जिसके वास्ते दिल बेकरार था, वो लौट के ना आया जिसका इंतजार था, मंज़िल करीब आई तो वो दूर हो गया, इतना तो बता जाता कि ये कैसा प्यार था…………!!
तेरा मेरा दिल का रिश्ता भी अजीब है, मीलों की दूरियां है और, धड़कन कितना करीब है…………!!
दूरियां ही नजदीक लाती हैं, दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं, दूर होकर भी कोई करीब है कितना, दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं…………!!
वो जो हमारे लिए कुछ ख़ास होते हैं, जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं, चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें, दूर रह के भी वो दिल के पास होते हैं…………!!
ये दूरी अब हमसे और सही नहीं जाती, बस पास तेरे आने का जी चाहता है, तोड़ कर दुनियां कि सारे रस्मों-रिवाजों को, तुझे अपना बनाने को जी चाहता है……….!!
तेरे वजूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में, ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम………!!
कितना अजीब है ये फलसफा ज़िन्दगी का, दूरियाँ बताती हैं नजदीकियों की कीमत………..!!
हमसे दूर होकर हमारे पास हो तुम, हमारी सूनी ज़िन्दगी की आस हो तुम, कौन कहता है हमसे बिछड़ गए हो तुम, हमारी यादों में हमारे साथ हो तुम………….!!
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया, ज़ख्मों को हमने अपने नासूर कर लिया, मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना, तू ने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया………!!
वो जो हमारे लिए कुछ ख़ास होते हैं, जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं, चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें, दूर रह के भी वो दिल के पास होते हैं…………..!!
दूर रह कर करीब रहने की आदत है, याद बन के आँखों से बहने की आदत है, करीब न होते हुए भी करीब पाओगे, मुझे एहसास बनकर रहने कि आदत है………..!!
दूरिओं से रिश्तों में फर्क नहीं पड़ता, बात तो दिल की नजदीकियों की होती है, पास रहने से भी रिश्ते नहीं बन पाते, वरना मुलाकात तो रोज कितनों से होती है…..!!
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा……..!!
इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता, हर किसी से यूँ दिल को लगाना अच्छा नहीं होता, कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे जिनमे बेहतर है दूरियां, इतना भी किसी के करीब जाना अच्छा नहीं होता……….!!
एक सिल – सिले की उम्मीद थी जिनसे, बही फासले बनाते गये, हम तो पास आने की कोशिश में थे, ना जाने क्यू वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये।
तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता, बात तो दिल की नजदीकियों की होती है! दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं, वर्ना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है!
उनकी गलियों की हवा हर दर्द की दवा बन गयी, दूरी उनसे मेरी चाहत की सज़ा बन गयी, कैसे भूलूँ उन्हें एक पल के लिए, उनकी याद तोह जीने की वजह बन गयी।
ये दूरी हमसे अब और सही नहीं जाती, बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है, तोड़कर सारी दुनिया की रस्मो – रिवाजों को, तुझे अपना बनाने को जी चाहता है ।
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयी, चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी, चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर, दूरी इतनी थी कि मिटाई न गयी।
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता, बात तो दिल की नजदीकियों की होती है! दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं, वर्ना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है!
चला जायेगा वक़्त ये भी जैसे तुम चले गए हो, दूरियों का दर्द सह नहीं पाओगे देखना लौटकर वापस चले आओगे।
सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं, थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं, तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे, और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं।
तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा, तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा, जब भी कोशिश की तुझे भूलने की, तू और ज्यादा दिल के करीब आने लगा।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे, अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे। बहुत अच्छा लगेगा जिंदगी का यह सफर, आप वहां से याद करना हम यहां से मुस्कुराएंगे।
एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे, वही फ़ासले बनाते गये। हम तो पास आने की कोशिश में थे, ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये।
बिन बताये उसने न जाने क्यों ये दूरी कर दी, बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी, मेरे मुकद्दर में घूम आये तो क्या हुआ, खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी कर दी।
दूर हो रहे है वो धीरे धीरे, मुझे तडपा रहे है वो धीरे धीरे, उन्हें तो कुछ पता ही नही, जान जा रही है मेरी धीरे धीरे .
दूरियों की ना परवाह कीजिये, दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये, कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे, बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये।
बहुत खास है वो शक्स मेरे लिए, फिर भी वो मेरा दिल दुखाता है, सब के लिए वक्त है उसके पास, बस मुझसे ही दूरियां बनाता है।
इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता, हर किसी से यूँ दिल को लगाना अच्छा नहीं होता, कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे जिनमे बेहतर है दूरियां, इतना भी किसी के करीब जाना अच्छा नहीं होता।
हमारे दरमियाँ ये दूरियाँ न होती, और कुछ मेरी मजबूरियां न होती, रहते न यूँ मेरे हाथ खाली, गर ज़माने की ये बेड़ियाँ न होती।
इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता, हर किसी से यूँ दिल को लगाना अच्छा नहीं होता, कुछ रिश्ते होते हैं ऐसे जिनमे बेहतर है दूरियां, इतना भी किसी के करीब जाना अच्छा नहीं होता।
दूरियाँ बहुत हैं पर इतना समझ लो, पास रहकर कोई रिश्ता ख़ास नहीं होता, तुम मेरे दिल के इतने करीब हो कि, मुझे दूरिओं का एहसास नहीं होता।
उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली, बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी, मेरे मुकद्दर में दर्द आया तो क्या हुआ, खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयी, चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी, चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर, दूरी इतनी थी कि मिटाई न गयी।
थोड़ी दूरियाँ भी ज़रूरी है, ज़िन्दगी में, किसी के इतने करीब भी न जाओ, की वो दूर चला जाये .
वो क़रीब बहुत है, मगर दूरियों के साथ… हम दोनों जी तो रहे हैं। मगर मजबूरियों के साथ !
दूरियां ही नजदीक लाती हैं, दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं, दूर होकर भी कोई करीब है कितना, दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं !
तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा, तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा, जब भी कोशिश की तुझे भूलने की, तू और ज्यादा दिल के करीब आने लगा।
दूरियाँ जब भी बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी, फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।
सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती, फैसले जो दिलों में हो तो फिर चहत हुआ नहीं करती, अगर नाराज़ हो खफा हो तो शिकायत करो हमसे, खामोश रहने से दिलों की दूरियां मिटा नहीं करती।
तुम कितने दूर हो मुझसे मैं कितना पास हूँ तुमसे, तुम्हें पाना भी नामुमकिन तुम्हें खोना भी नामुमकिन।
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।
दूरियों का एहसास उस वक़्त हुआ, जब मैं उसके सामने से गुजरी, और उसे मेरी मौजूदगी का एहसास तक ना हुआ।
वक्त नूरको बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूरकर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूरकर देता है !
बहुत खास है वो शक्स मेरे लिए, फिर भी वो मेरा दिल दुखाता है, सब के लिए वक्त है उसके पास, बस मुझसे ही दूरियां बनाता है।
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