
हम तो एक ही रिश्ता जानते हैं दिल वाला रिश्ता, और दिल में तो महाकाल मुस्कुरा रहा है, तोड़ सारे भ्रम दोष कृपा बरसा रहा है!

जिनके रोम-रोम में शिव हैं, वहीं विष पिया करते हैं, जमाना उन्हें क्या जलायेंगा, जो श्रृंगार ही अंगार से करते हैं!

भोले के दरबार में, दुनिया बदल जाती है, रहमत से हाथ की, लकीर बदल जाती है, लेता है जो भी दिल से महादेव का नाम, एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है!

मौत की गोद में सो रहे हैं धुंए में हम खो रहे है महाकाल की भक्ति है, सबसे ऊपर शिव शिव जपते जाग रहे है, सो रहे हैं!

भागना मत मौत से एक एहसान चढ़ा देगी, जीवन के बाद म्रत्यु तुझे महादेव से मिला देगी, तेरी माया तूँ ही जाने, हम तो बस तेरे दीवाने!

ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता हैं, मैं जो भी माँगू मेरा महादेव वो मुझको चुपके से दे जाता हैं!

आँधी तूफान से वो डरते हैं, जिनके मन में प्राण बसते हैं, वो मौत देखकर भी हँसते हैं, जिनके मन में महाकाल बसते हैं!

जिनके रोम-रोम में शिव हैं, वहीं विष पिया करते हैं, जमाना उन्हें क्या जलायेंगा, जो श्रृंगार ही अंगार से करते हैं!

नही पता कौन हूँ मैं और कहा मुझे जाना हैं, महादेव ही मेरी मँजिल हैं और महाकाल का दर ही मेरा ठिकाना हैं!

जैसे हनुमानजी के सीने में तुमको सियापति श्री राम मिलेंगे, सीना चीर के देखो मेरा तुमको बाबा महाकाल मिलेंगे!

दुःख की घड़ी उसे डरा नही सकती, कोई ताकत उसे हरा नही सकती, और जिस पर हो जाये तेरी मेहर मेरे महादेव फिर ये दुनिया उसे मिटा नही सकती!

नजर पड़ी महाकाल की मुझ पर तब जाके ये संसार मिला, बड़े ही भाग्यशाली शिवप्रेमी है हम जो महाकाल का प्यार मिला!

राम उसका रावण भी उसका, जीवन उसका मरण भी उसका, ताण्डव हैं और ध्यान भी वो हैं, अज्ञानी का ज्ञान भी वो हैं!

वह अकेले ही पुरी दुनिया में मुर्दे कि भस्म से नहाते हैं, ऐसे ही नहीं वो कालो के काल महाकाल कहलाते हैं!