‘Raat’ is a Hindi word that means night. It is a time when the sun has set and darkness has descended. The night is an essential part of our daily lives, and it plays an important role in the natural world as well. It has its own beauty, charm, and mystery that captivate the human mind.
The night has a special place in human culture and mythology. It is often associated with mystery, magic, and spirituality. Many cultures and religions have their own traditions and rituals that are associated with the night. For example, in Hinduism, it is believed that Lord Shiva is most powerful during the night, and many devotees offer prayers to him during this time.
The night also has its own unique beauty. The moon and stars provide a beautiful backdrop to the darkness, creating a mesmerizing scene that has inspired poets, artists, and writers for centuries. The quiet and stillness of the night provide a peaceful environment for introspection, reflection, and relaxation. The night also offers a respite from the hustle and bustle of daily life and provides an opportunity to recharge and rejuvenate.
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However, the night can also be a time of fear and uncertainty. The darkness can conceal dangers and create a sense of vulnerability. Many people fear the night, and this fear has been a part of human culture since ancient times. This fear has also been expressed in various forms of art, such as horror movies and scary stories.
In conclusion, the night or raat, is an essential part of human culture and the natural world. It has its own unique beauty and mystique that captivates the human mind. It provides an opportunity for introspection, reflection, and relaxation, and it is also associated with mystery, magic, and spirituality. However, the night can also be a time of fear and vulnerability, and this fear has been a part of human culture since ancient times.
100+Best Raat Shayari| रात्रि शायरी
आईने आंख में चुभते थे, बिस्तर से बदन कतराता था एक याद बसर करती थी मुझे,मैं सांस नहीं ले पाता थाA
पूनम का पूरा चांद भी निकला है आसमान में, हवाएं भी फूलों की महक लाती हैं, न जाने क्यों तुम्हारी याद आते ही, मेरे चेहरे पर मुस्कान सी छा जाती है।
तुम सामने होते हो, तो होती है लंबी बात, तुम नहीं जो होते साथ, तो फिर अकेले ही बिताता हूं अपनी रात।
अब तो तन्हा उदासी भरी रात खत्म नहीं होती, दिन निकल जाता है लेकिन तेरी बात खत्म नहीं होती।
जो तू मेरे पास नहीं है, फिर तेरी याद पास क्यों है, मुझे अब तेरी फिक्र नहीं, फिर ये रात उदास क्यों है।
सांसे टूट रही हैं मेरी लेकिन, फिर भी तुझसे मिलने की आस है, तू शायद ही मिलेगी एक दिन मुझे, इस डर से ही मेरी ये रात उदास है।
तू ही इस दुनिया में मेरे लिए सबसे खास है, मेरे पास नहीं है तू इसलिए मेरी रात उदास है।
ए खुदा जुदाई का गम मेरे आस पास ना हो, अगर हो वो मेरे संग तो यह रात उदास ना हो।
पता नहीं कैसे तुम मेरे लिए इतनी खास हो गई, छोड़ गई जब तुम मुझे तो ये रातें भी उदास हो गई।
माना की तुम अब नहीं हो साथ मेरे, लेकिन तुम्हारी याद दिल के पास है, कभी था मेरे हाथों में हाथ तेरा, लेकिन आज तन्हा रात उदास है।
सुबह का सूरज और दिन का उजाला संवार देता है। लेकिन हर रात की उदासी का गम मुझे मार देता है।
दिल का सुकून और तू मेरे पास नहीं है, कैसे कह दूं कि मेरी रात उदास नहीं है।
तन्हाई का आलम है और अब तन्हा ही जी लेते हैं, जब महसूस होती हैं उदास रातें तो तन्हाई में पी लेते हैं।
लो फिर जहन में आ गया चेहरा तेरा, और यादों की बरसात हो गई, लो और एक बार फिर से, मेरी हसीन रात उदास हो गई।
आज भी तू मेरे लिए सबसे ज्यादा खास है, तेरे बिना आज भी मेरी हर रात उदास है।
तेरी हर बात, तेरी हर याद मेरे लिए खास होती है, जो तू मेरे साथ नहीं है तो मेरी हर रात उदास होती है। पढ़ते रहें रात की तन्हाई शायरी
अब तो हर दिन हम तेरी जुदाई में बिताते हैं होती है जब रात तो उसे भी तन्हाई में बिताते हैं।
किसी के जाने के बाद दिल में सुकून कहां रहा जाता है, याद आती है जिस रात, उस रात ये दिल तन्हा रह जाता है।
चली जाती हो हर रात मेरे आगोश से तेरा जाना भी तो एक बहाना है, थोड़ी देर और ठहर जाओ साथ मेरे, क्या इस रात को भी तन्हा करके जाना है।
तन्हा रातों की हर सर्द हवा मुझसे यही पूछ कर जाती है, करता है जिसे तू हर रोज याद क्या उसे भी तेरी याद आती है।
किससे कहूं दिल की हर बात, सभी को बताना मुश्किल है, जो तू साथ नहीं मेरे तो हर तन्हा रात बिताना मुश्किल है।
एक बार फिर मुझे तेरी याद आ गई है, लो फिर से तन्हाई की रात आ गई है।
दिल में हर बात छिपा लेंगे, जिंदगी को यूं ही लुटा देंगे, तेरे आने के इंतजार में, हम हर तन्हा रात बिता लेंगे।
तेरे ख्यालों में डूबकर हर बात भुला देता हूं, तेरी तस्वीर को देखकर तन्हा रात बिता देता हूं।
प्यार का गला घोट कर जब से तेरी डोली सजी है, तब से मेरे जीवन में सिर्फ रात की तन्हाई ही बची है।
रातों की तन्हाई भी क्या गजब ढा गई, चुपके से आई दिल में और मुझे रुला गई।
कमजोर दिल को कैसे समझाएं तेरे बिना, तन्हा रात का वक्त कैसे बिताएं तेरे बिना।
डरते थे हम जिससे, फिर वही बात हो गई, जो तुम छोड़कर चले गए, जिंदगी एक तन्हा रात हो गई।
तू ही बोल मुझे, तुझे भुलाऊं कैसे, बिना तेरे मैं अपनी, तन्हा रात बिताऊं कैसे।
प्यार में हर किसी की जिंदगी कहां संवरती है, बिछड़ने के बाद मेरी हर रात तन्हाई में गुजरती है।
लो एक बार फिर मुझे तेरी याद आई, अब तो डसती है तुम्हारी ये रुसवाई, फिर से रोशन कर दो गमगीन रात को, बहुत तड़पाती है इन रातों की तन्हाई।
चांदनी रात है, तारों की बारात है, हाथों में हाथ है, प्यार की शुरुआत है।
लो आज फिर चांदनी रात आ गई, एक बार फिर तेरी यादों की बारात आ गई।
जब तुम मेरे पास होती हो तो, अमावस भी चांदनी रात होती है, फूल खिल जाते हैं रातों में और, आसमान से प्यार की बरसात होती है।
वो एक दिन चला गया, अपने दिल की बात बोलकर, हम उसके इंतजार में बैठे हैं, हसीन चांदनी रात रोककर।
कतरा कतरा जोड़ कर मैं अपने जज़्बात लाया हूं, तुम्हारी यादों की महफिल में फिर चांदनी रात लाया हूं।
बन रहा है अफसाना, दिल बेकरार है, थाम रखा है दिल, तेरे प्यार के इकरार में, आओगे तुम और बैठोगे साथ में, हम बैठे हैं उस चांदनी रात के इंतजार में।
तुमने कुछ कहा ना कुछ सुना हमने, और इशारों में ही सारी बात हो गई, वक्त का पता दोनों को ही नहीं चला, लो फिर से हसीन चांदनी रात हो गई।
ओस के कण तेरे केसुओं में लगते हैं बहुत प्यारे जैसे चांदनी रात में किसी ने बिखेरे हों सितारे।
चांद आया तो चांदनी रात आई, एक बार फिर मुझे तुम्हारी याद आई।
चांदनी रात है, प्यार की बरसात है, तू मेरे साथ है, उफ्फ! क्या बात है।
मेरी जिंदगी की कश्ती का किनारा हो तुम, सितारों से सजी चांदनी रात सा नजरा हो तुम।
मुझे देखकर जो तुम हर बार मुस्कुराती हो, तो अमावस की रात में भी सवेरा सा लगता है, और जब रूठ कर तुम दूर चली जाती हो, तो चांदनी रात में भी अंधेरा सा लगता है।
हर बार बह जाते हैं प्यार के जज्बात में, एक नशा सा छा जाता है तेरी हर बात में, दिन में तुम रहती हो तो सुकून होता है, लेकिन सो नहीं पाते हैं हम चांदनी रात में।
दिल के ये जज्बात, जिसमें बसी है तेरी याद, बसें है तेरे ही ख्यालात, उफ्फ! ये चांदनी रात।
तेरी हर अदाओं में मेरे दिल का धड़कना जैसे चांदनी रातों में हो तारों का चमकना।
जो तू है मेरे साथ में, गर्माहट हर बात में, ठंडक भरी रात में, खो जाऊं तेरे ख्यालात में।
तेरी बातों से मुझे एक जुनून मिलता है, तेरी महक से ही मेरा मन खिलता है, जब होता है तेरे साथ होने का एहसास तो ठंडी रातों में भी सुकून मिलता है।
अब ये दिल उदास रहता है ठंड भरी रातों में, अब वो गर्माहट नहीं होती उनकी प्यार भरी बातों में।
ठंडी रातों में जब भी तेरा ख्याल आता है, मैंने तुमसे इश्क क्यों किया, इसी बात का मलाल होता है।
तन्हा सर्द रातों में जब-जब तेरी याद आई, हमने तेरी यादों की तब-तब चिता जलाई।
ठंडी के मौसम में रात क्या पूरा दिन भी सर्द रहता है, तुझे भूलने के बाद भी दिल में हल्का सा दर्द रहता है।
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.