A fake friend is someone who pretends to be your friend but doesn’t genuinely care about your well-being or happiness. Fake friends often have ulterior motives, such as using you for personal gain, gossiping about you behind your back, or only reaching out when they need something from you. They may act friendly and supportive in front of you but may betray your trust when it benefits them. It’s important to recognize fake friends and prioritize authentic relationships with people who genuinely care about you.A fake friend is someone who pretends to be your friend but actually doesn’t have your best interests at heart. They may put on a show of being supportive and friendly, but when it comes down to it, they are only looking out for themselves. Fake friends often engage in manipulative behavior, using you for their own gain or to boost their own self-esteem. They might backstab you, spread rumors, or only be there for you when it’s convenient for them. While they may seem genuine on the surface, a fake friend will ultimately show their true colors and prioritize their own needs over yours. It is important to identify these individuals and distance yourself from them, as having a fake friend can be emotionally draining and detrimental to your well-being.
ये कलयुग है जनाब यहां झूठे को मौका और सच्चे को धोखा दिया जाता है…
ढुरियाँ बनानी हो तो दो कड़वे शब्द कह के रास्ते से हट जाओ तुम्हारा झूठा अपनापन किसी का पक्का विश्वास हो सकता है और वह झूठा विश्वास उत्सका अपना छिन लेगा|
“ बहुत हमदर्दी जताते हैं सब ! उनकों ये नहीं पता कि !! हम उनके हर एक चाल से वाकिफ है!!! बस दिखावे का फीकर करते हैं सब!! !! ”
“ किसी को क्या हि पता तुम्हारा कोई अच्छा दोस्त नहीं। या तुम किसी के अच्छे दोस्त बन नहीं पाए ।। ”
“ जाने क्यूं दोस्तो की गिनती में कमी आने लगी है उन्हें शिकायत है कि मैं सच बोलने लगा हूं। दोस्त हो तो दोस्ती निभाना तो पड़ेगा दोस्त! ”
“ दोस्त सच्चे वही होंते, जो गलत करने और धोखा में पड़ने से बचाते हैं। बाकी सब, बर्बादी चाहने वाले दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं! ”
“कभी औकात तो कभी किसी की जात देखता हैं आज कल दोस्त बनने से पहले दोस्त यही देखता हैं ”
“ अपनो के ताने, दोस्तों के बहाने और गम भरे गाने जरुरत पड़ने पर बस यही सुनाई देते हैं दोस्त…!
“आज भी नहीं भुला पाई वो यारी, पर शायद उनकों हमारी दोस्ती क्या हम भी याद नहीं है। ”
“ वक्त-वक्त की बात है, वर्ना हम भी कभी खास थे, चले गए कुछ लोग जिंदगी से, जो कहते थे देखना हम हमेशा तेरे साथ है… ”
“ किसके मन में कितना जहर है मेरे लिए Sab Pta Hai यूं बेवजह अच्छा बनने का दिखावा मत करी । ”
“ सुनो में कल भी यहीं था, आज भी हूँ, कल भी रहूँगा, सिर्फ दिखाई नहीं दूंगा “”तुम्हें ”
“ अब ना मैं हूं ना बाकी है ज़माने मेरे, हैं मशहूर फिर भी शहर में फसाने मेरे, हैं जिंदगी तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी मौजूद है कई दोस्त पुराने मेरे।
“इतिहास को आज़माइश पर रखा था हमने, कर्ण सी दोस्ती तो निभाई, मगर इस दफा भी दुर्योधन ही मिले, ”
“ नजरअंदाज करना पड़ा वो घाव खंजर, मेरे अपनों के हाथ मे जो था…. ”
“ दुनिया का सच यही है, जब आप दर्द में होंगे आपके आसपास कोई नहीं होगा। जो यारी दोस्ती की कसमें खाने वाले लोग हैं कोई साथ नहीं देगा। आप पूछोगे उनसे वो बहाना बना देंगे ”
अब दोस्ती के लिए सिर्फ मैं ज्ञान दूंगा कोई ऐसा दोस्त ही नहीं… जिस पर मैं जान दूंगा ”
“ इस साल का सफर कुछ यू जा रहा, कुछ अपने अनजान हो जा रहें, कुछ अनजान, अपने हो जा रहें। ”
“ जो मुसीबत में काम आए वो फ्रेंड और जो मुसीबत में फसाये वो बेस्ट फ्रेंड. ”
“ वो सिनियरसे दोस्त बनी दोस्त से बहोत अच्छी दोस्त बनी फिर अचानक अजनबी बन गई.! ”
“हम तो आज भी उसे गलत कहने से कतराते हैं ना जाने कैसे वो सबसे हमें गलत बताते हैं : ”
“दोस्ती पर से भी भरोसा उठ गया मेरा, जब किसी दोस्त ने पहचानने से इंकार किया.! ”
“ अगर आज तुम मुझे याद ना करो इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। मगर कल मैं तुम्हें पहचान न पाऊं, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। ”
“अगर आज तुम मुझे याद ना करो, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। मगर कल मैं तुम्हें पहचान न पाऊं, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है॥ ”
“ मुझे यार कहेने वाले रस्म ऐ दोस्ती भी अदा करना ! मेरे जीने की ना सही पर मेरे मरने की दुआ करना !! ”
“ धोखे बहुत खायें है दोस्ती में हमने, सबको प्यार में धोखे मिलते है, और हमें दोस्ती में मिले, पर दोस्ती से नफ़रत कभी नही हुई, उनकी दोस्ती भले दिखावे की थी, पर हमने तो दिल से निभाई थी। ”
“ मासूम होते हैं कितने दोस्ती के रिश्ते से अंजान होते हैं। खुद गद्दारी करके, दोस्त के चेहरे पर उदासी का कारण पूछते हैं । ”
“मेरे दोस्त ज़रा संभल कर अपने ज़ख्म खोलना यहां तुम ये गलियां अकसर नमक के शहर की ओर ले जाती है
“ साथ तो ज़िन्दगी भी छोड़ देती है फिर ये इंसान क्या चीज है ”
“ समय = समय का खेल है… अपनो के दुश्मन और… दुश्मनों के अपने हो रहे है हम… ”
“ खुला दुश्मन अजीज है मुझे मगर नक़ाब ओड़े दोस्तों से डर लगता है ”
“दिये थे हमने मौके हजार पर कदर न की कभी तुमनें यार देखो समय अब वो आया ह जब तूने मुझको याद किया और हमने तेरी झूटी यारी को नकारा है। ”
“ तुम प्यार की बात करते हो मैंने यार बदलते देखे है मतलब पड़ने पर इनके किरदार बदलते देखे है ”
“ अगर मेरी बंदी में उससे बोहत प्यार करता हु और मेरे फ्रेंड उससे पटाने की try करे और वह आपको पता चले तो यार दिल से बुरा लगता है की ऐसे फ्रेंड किस काम के जो अपने फ्रेंड का ही गला घोट दे ”
“ मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्यूंकि, मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे। ”
“ बहुत प्यार दिखाया मैंने, खुद को गिराया बेकार में, तब तु नहीं समझी, अब में नहीं समझुगीं दोस्ती गई बाढ़ में…! ”
“ दुश्मनों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं वो लोग, जो दोस्त बनकर आपको धोखा देते हैं। ”
“ पसंद नहीं आता मुझे ये तेरा दिखावा यार कभी तो real बनो।। ”
“ तुम प्यार की बात करते हो जनाब, मुझे तो मेरे दोस्तों ने भी धोखा दिया है..!!
“ रिश्ते अब #block# वाले लिस्ट में चिखते है…. Social media का ज़माना है साहब, यहां #dosti# वाले मुखौटे सरे आम बिकते है…… ”
“ मेरे दोस्त ज़रा संभल कर अपने ज़ख्म खोलना यहां तुम ये गलियां अकसर नमक के शहर की ओर ले जाती है. ”
“ बदल दूंगी मैं खुद को ना आउंगी तेरे करीब, साथ रहकर ही दोस्ती में तूने जहर दे दी अजीब… ”
“ कुछ मतलबी लोग, दोस्ती तो सिर्फ हेल्पलाइन नंबर समझते हैं, जब जरूरत पड़ी, तो कांटेक्ट कर लेते हैं । जब जरूरत ना पड़े , तो भूल जाते है।।। ”
“टूट जाता है गरीबी में वो रिश्ता, जो ख़ास होता है, हजारों यार बनते है, जब पैसा पास होता है।। ”
“ दोस्ती में गद्दारी नही और गद्दारो से दोस्ती नही…. ”
“ आपकी सफलता की क़ामयाबी मात्र से ही आपके कुछ मित्र, आपके दुश्मन बन जाते हैं। ”
“ जिन्दगी के रंगमंच में, अदाकारी क्या खूब निभाते हो! सामने वफा, पीछे दगा, मेरे दोस्त….ऐसा हुनर कहाँ से लाते हो? ”
“ सलाह देने वाले दोस्त तो बहुत मिल जाते हैं, मगर साथ देने वाले दोस्त बहुत कम मिलते हैं। ”
“ जो दोस्ती केवल मतलब के लिये होती हैं, वो ज्यादा देर तक नहीं टिकती। ”
“ जो अपने दोस्त की बुराई को शौक से सुनता हो, वो दोस्त कभी दोस्त नही होता…. ”
“ मतलबी है, ये जमाना सारा, और “”मतलब का है, ये पल दो पल का याराना..! ”
“ मुसीबत में साथ देने वाला दोस्त चाहिए मुसीबत में फसा देख, मजा लेने वाला नहीं.. ”
“ वो पहले का अकेलापन ही अच्छा था अब जो ये कुछ “”दोस्त”” बनने के बाद का अकेलापन है ना बहुत चुभता है. ”
“ अनजाने सफर में.. वोह हमसफर बन गए.. केहते थे मंजिल तक साथ निभायेंगे.. मुश्किल रासतों पर अकेले छोड कर चले गये. ‘ए मतलबी रिश्ते क्यों दोस्ती का नाम खराब कर रहा है तू ”
“ जहां बस्ती है दिलों में दोस्ती उस नगरी में क्या कर रहा है तू. ”
“ रातों को तकिया भिगोया है ! कोई जग ना जाए इसलिए खुद को पकड़ के खुद को ही चुप कराया है ! प्यार से दूर दूर का वास्ता नहीं मैंने तो अपने दोस्ती में भी धोखा खाया है !! ”
“ दोस्ती की जरूरत है दोस्तों की नही….. ”
“ दोस्त तो बहोत बनाए मगर, दोस्ती किसी से नही मिली. ”
“ तुमको शायद याद नहीं इक वादा तुमने भी किया था, हां गलत हूँ मैं, तो गलत ही सही, दोस्ती तोडने का इरादा तुमने भी किया था। ”
“ कोई ना पहचान पाया, कुछ अंधे थे, कुछ अंधेरे में थे ।। ”
मुसीबत में साथ देने वाला दोस्त चाहिए मुसीबत में फसा देख मजा लेने वाला नहीं
कुछ मतलबी लोग, दोस्ती तो सिर्फ हेल्पलाइन नंबर समझते हैं, जब जरूरत पड़ी तो कांटेक्ट कर लेते हैं । जब जरूरत ना पड़े तो भूल जाते है
टूट जाता है गरीबी में वो रिश्ता जो ख़ास होता है, हजारों यार बनते है,जब पैसा पास होता है
दोस्ती में गद्दारी नही और गद्दारो से दोस्ती नही
आपकी सफलता की क़ामयाबी मात्र से ही आपके कुछ मित्र आपके दुश्मन बन जाते हैं।
जिन्दगी के रंगमंच में, अदाकारी क्या खूब निभाते हो! सामने वफा, पीछे दगा मेरे दोस्त….ऐसा हुनर कहाँ से लाते हो
सलाह देने वाले दोस्त तो बहुत मिल जाते हैं, मगर साथ देने वाले दोस्त बहुत कम मिलते हैं
जो दोस्ती केवल मतलब के लिये होती हैं, वो ज्यादा देर तक नहीं टिकती
मतलबी है, ये जमाना सारा, और “मतलब का है, ये पल दो पल का याराना
जो अपने दोस्त की बुराई को शौक से सुनता हो, वो दोस्त कभी दोस्त नही होता
वो पहले का अकेलापन ही अच्छा था अब जो ये कुछ दोस्त बनने के बाद का अकेलापन है ना बहुत चुभता है
दोस्त तो बहोत बनाए मगर, दोस्ती किसी से नही मिली
अनजाने सफर में वोह हमसफर बन गए.. केहते थे मंजिल तक साथ निभायेंगे. मुश्किल रासतों पर अकेले छोड कर चले गये.ए मतलबी रिश्ते क्यों दोस्ती का नाम खराब कर रहा है तू
जहां बस्ती है दिलों में दोस्ती उस नगरी में क्या कर रहा है तू.
रातों को तकिया भिगोया है ! कोई जग ना जाए इसलिए खुद को पकड़ के खुद को ही चुप कराया है
प्यार से दूर दूर का वास्ता नहीं मैंने तो अपने दोस्ती में भी धोखा खाया है
खुला दुश्मन अजीज है मुझे मगर नक़ाब ओड़े दोस्तों से डर लगता है
तुमको शायद याद नहीं इक वादा तुमने भी किया था, हां गलत हूँ मैं, तो गलत ही सही, दोस्ती तोडने का इरादा तुमने भी किया था
धोखे बहुत खायें है दोस्ती में हमने, सबको प्यार में धोखे मिलते है, और हमें दोस्ती में मिले, पर दोस्ती से नफ़रत कभी नही हुई, उनकी दोस्ती भले दिखावे की थी, पर हमने तो दिल से निभाई थी।
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्यूंकि, मेरी दुश्मनी का नुकसान सह नही पाओगे
मासूम होते हैं कितने दोस्ती के रिश्ते से अंजान होते हैं। खुद गद्दारी करके, दोस्त के चेहरे पर उदासी का कारण पूछते हैं
मेरे दोस्त ज़रा संभल कर अपने ज़ख्म खोलना यहां तुम ये गलियां अकसर नमक के शहर की ओर ले जाती है
साथ तो ज़िन्दगी भी छोड़ देती है फिर ये इंसान क्या चीज है
समय समय का खेल है अपनो के दुश्मन और दुश्मनों के अपने हो रहे है हम
दोस्ती पर से भी भरोसा उठ गया मेरा, जब किसी दोस्त ने पहचानने से इंकार किया.
दिये थे हमने मौके हजार पर कदर न की कभी तुमनें यार देखो समय अब वो आया ह जब तूने मुझको याद किया और हमने तेरी झूटी यारी को नकारा है।
तुम प्यार की बात करते हो मैंने यार बदलते देखे है मतलब पड़ने पर इनके किरदार बदलते देखे है
अगर मेरी बंदी में उससे बोहत प्यार करता हु और मेरे फ्रेंड उससे पटाने की कोशिश करे और वह आपको पता चले तो यार दिल से बुरा लगता है की ऐसे फ्रेंड किस काम के जो अपने फ्रेंड का ही गला घोट दे
अब दोस्ती के लिए सिर्फ मैं ज्ञान दूंगा कोई ऐसा दोस्त ही नहीं जिस पर मैं जान दूंगा
बहुत प्यार दिखाया मैंने खुद को गिराया बेकार में, तब तु नहीं समझी, अब में नहीं समझुगीं दोस्ती गई बाढ़ में दुश्मनों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं वो लोग जो दोस्त बनकर आपको धोखा देते हैं
वो दोस्ती है क्या वो दोस्ती है क्या जो हँसी के पिछे के राज ना जान पाए जो तुम्हारे ठीक हुँ कहने को समझ न पाए जो तुम्हारी आँखो का दर्द ना समझ पाए जो तुम्हारी कही बातो को भी नासुन पाए वह दोस्ती हैं क्या .
तुम प्यार की बात करते हो जनाब, मुझे तो मेरे दोस्तों ने भी धोखा दिया है
पसंद नहीं आता मुझे ये तेरा दिखावा यार कभी तो real बनो
बदल दूंगी मैं खुद को ना आउंगी तेरे करीब, साथ रहकर ही दोस्ती में तूने जहर दे दी अजीब
वक्त-वक्त की बात है, वर्ना हम भी कभी खास थे, चले गए कुछ लोग जिंदगी से, जो कहते थे देखना हम हमेशा तेरे साथ है…
वक्त-वक्त की बात है, वर्ना हम भी कभी खास थे, चले गए कुछ लोग जिंदगी से, जो कहते थे देखना हम हमेशा तेरे साथ है…
किसके मन में कितना जहर है मेरे लिए सब पता हैं यूं बेवजह अच्छा बनने का दिखावा मत करी
अब ना मैं हूं ना बाकी है ज़माने मेरे, हैं मशहूर फिर भी शहर में फसाने मेरे, हैं जिंदगी तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी मौजूद है कई दोस्त पुराने मेरे
इतिहास को आज़माइश पर रखा था हमने, कर्ण सी दोस्ती तो निभाई, मगर इस दफा भी दुर्योधन ही मिले
दोस्ती एक दिखावा है जो तब तक चलता है जब तक उनका काम तुम से चल रहा होता है
नजरअंदाज करना पड़ा वो घाव खंजर, मेरे अपनों के हाथ मे जो था
दुनिया का सच यही है, जब आप दर्द में होंगे आपके आसपास कोई नहीं होगा जो यारी दोस्ती की कसमें खाने ले लोग हैं कोई साथ हीं देगा आप पूछोगे उनसे वो बहाना बना देंगे
मेरी दोस्ती भी बड़ी अजीब है साथियों मेरी दोस्ती भी बड़ी अजीब है साथियों साथ दोगे तो Friends Forever फितरत बदलोगे तो
अब दोस्ती के लिए सिर्फ मैं ज्ञान दूंगा कोई ऐसा दोस्त ही नहीं जिस पर मैं जान दूंगा
इस साल का सफर कुछ यू जा रहा, कुछ अपने अनजान हो जा रहें कुछ अनजान, अपने हो जा रहें
हम तो आज भी उसे गलत कहने से कतराते हैं ना जाने कैसे वो सबसे हमें गलत बताते हैं
दोस्ती पर से भी भरोसा उठ गया मेरा, जब किसी दोस्त ने पहचानने से इंकार किया.
Welcome to our blog! My name is Yuvraj Kore, and I am a blogger who has been exploring the world of blogging since 2017. It all started back in 2014 when I attended a digital marketing program at college and learned about the intriguing world of blogging.