

मेरा तुझ से मिलना मेरे लिए ख़्वाब सही,
पर मैं तुझे भूल जाऊ ऐसा लम्हा मेरे पास नही।


हमने भी ज़िन्दगी का कारवाँ आसाँ कर दिया,
जो तकलीफ देते थे उन्हें रिहा कर दिया।


गुज़रे है हम कुछ ऐसे मुकाम से की
आँखें भर आती है मोहब्बत के नाम से।


रूला कर उसने मुझसे कहा, अब मुस्कुराओ
मै हँस पडा क्योकी सवाल हँसी का नही… उसकी खुशी का था।


आज रास्ते में कुछ प्यार भरे पन्ने टुकड़ो में मिले,
शायद फिर किसी गरीब की मोहब्बत का तमाशा हो गया।