Bhagawad Gita Quotes {Life Lessons} by Krishna in Hindi

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है वैसा वह बन जाता है।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है वैसा वह बन जाता है।

निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है।

निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है।

तुम खुद अपने मित्र हो और खुद ही अपने शत्रु।

तुम खुद अपने मित्र हो और खुद ही अपने शत्रु।

अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।

अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।

भय, राग द्वेष और आसक्ति से रहित मनुष्य ही इस लोक और परलोक में सुख पाते है।

भय, राग द्वेष और आसक्ति से रहित मनुष्य ही इस लोक और परलोक में सुख पाते है।

निद्रा, भय, चिंता, दुःख, घमंड आदि दोष तो रहेंगे ही, दूर हो ही नहीं सकते। ऐसा मानने वाले मनुष्य कायर है।

निद्रा, भय, चिंता, दुःख, घमंड आदि दोष तो रहेंगे ही, दूर हो ही नहीं सकते। ऐसा मानने वाले मनुष्य कायर है।

हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं, मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं।

हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं, मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं।

हे अर्जुन, समता ही योग है सुख दुःख, लाभ हानि,  मान अपमान, सर्दी गर्मी सब में सम रहो।

हे अर्जुन, समता ही योग है सुख दुःख, लाभ हानि, मान अपमान, सर्दी गर्मी सब में सम रहो।

हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है।

हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है।

सज्जन पुरुष अच्छे आचरण वाले सज्जन पुरुषो में, नीच पुरुष नीच लोगो में ही रहना चाहते है। स्वाभाव से पैदा हुई जिसकी जैसी प्रकृति है उस प्रकृति को कोई नहीं छोड़ता।

सज्जन पुरुष अच्छे आचरण वाले सज्जन पुरुषो में, नीच पुरुष नीच लोगो में ही रहना चाहते है। स्वाभाव से पैदा हुई जिसकी जैसी प्रकृति है उस प्रकृति को कोई नहीं छोड़ता।

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