One Stop News Portal
हर किसी को नहीं चढ़ता फौजी बनने का नशा, जिगर चाहिए जवानी बर्बाद करने के लिए।
जज्बे ऐसे कि वतन पे कुर्बान है, आसमां गवाह है शरहद पे खड़े वो हिन्द के जवान है।
एक फौजी कितना भी बूढ़ा हो जाये, कहलाता जवान ही है।
मैं आखिरी सांस तक तुझसे प्यार जताऊंगा मेरी भारत माँ मैं एकदिन तेरी माटी में समा जाऊँगा।
हम महफूज रहे त्यौहारों में, वे सरहद पर गोली झेलते है, जरा याद उन्हे भी कर लो जो खून से होली खेलते है।
तन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं, मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा हैं, वो धरती माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा हैं।
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Website
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.