
ना दिल में आता हु, ना दिमाग में आता हुँ,
अभी सोता हूँ कल फिर ऑनलाइन आता हूँ।

होंठ कह नही सकते फसाना दिल का,
शायद नजर से वो बात हो जाए,
इस उम्मीद मे करते है इंतजार रात का,
की शायद सपनों मे आपसे मुलाकात हो जाए।

[/pullquote]चाँद के साथ चाँदनी भी आई,
संग सुहाने सपनों की बारात लाई,
चलो अब सो जाते हैं, सपनों में खो जाते हैं।

आँखे भी मेरी पलकों से सवाल करती है,
हर वक्त आपको ही याद करती है,
जब तक न कह दे शुभ रात्रि आपको ज़ालिम,
सोने से भी इंकार करती है।

रात है काफी और ठंडी हवा चल रही है
याद में आपकी किसी की मुसकान खिल रही है,
उनके सपनो की दुनिया में आप खो जाओ,
आँख करो बंद और आराम से सो जाओ।