297 Quotes by Aacharya Chanakya in Hindi -) Chanakya Niti Lines

विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।

विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।

पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।

पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।

जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये।

जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये।

कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं, और क्या मैं सफल होऊंगा, और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए।

कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं, और क्या मैं सफल होऊंगा, और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए।

पागल, बुद्धिहीन आदमी से सदा दूर रहे, ऐसे लोग पशु समान होते हैं।

पागल, बुद्धिहीन आदमी से सदा दूर रहे, ऐसे लोग पशु समान होते हैं।

शत्रु की बुरी आदतों को सुनकर कानों को सुख मिलता है।

शत्रु की बुरी आदतों को सुनकर कानों को सुख मिलता है।

जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये, जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे।

जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये, जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे।

उदारता, प्रेमदायक भाषण, हिम्मत और अच्छा चरित्र कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता, ये सारे जन्मजात गुण ही होते है।

उदारता, प्रेमदायक भाषण, हिम्मत और अच्छा चरित्र कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता, ये सारे जन्मजात गुण ही होते है।

कोई भी व्यक्ति ऊँचे स्थान पर बैठकर ऊँचा नहीं हो जाता बल्कि हमेशा अपने गुणों से ऊँचा होता है।

कोई भी व्यक्ति ऊँचे स्थान पर बैठकर ऊँचा नहीं हो जाता बल्कि हमेशा अपने गुणों से ऊँचा होता है।

गरीबी, बीमारी, दुःख, कारावास और दुसरे पाप ये हमारे खुद के गुनाहों का ही फल है।

गरीबी, बीमारी, दुःख, कारावास और दुसरे पाप ये हमारे खुद के गुनाहों का ही फल है।

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