Bhagawad Gita Quotes {Life Lessons} by Krishna in Hindi

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।

अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।

संसार के सयोग में जो सुख प्रतीत होता है, उसमे दुःख भी मिला रहता है, परन्तु संसार के वियोग से सुख दुःख से अखंड आनंद प्राप्त होता है।

संसार के सयोग में जो सुख प्रतीत होता है, उसमे दुःख भी मिला रहता है, परन्तु संसार के वियोग से सुख दुःख से अखंड आनंद प्राप्त होता है।

जब इंसान बेकार की इच्छाओ का त्याग कर देता है और मै और मेरा की लालसा से मुक्त हो जाता है तब ही उसे शांति मिल सकती है।

जब इंसान बेकार की इच्छाओ का त्याग कर देता है और मै और मेरा की लालसा से मुक्त हो जाता है तब ही उसे शांति मिल सकती है।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ-लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ-लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है उन्हें चिंता कभी नहीं सताती।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है उन्हें चिंता कभी नहीं सताती।

भगवन अर्जुन से कहते है - तेरा कर्म करने पर अधिकार है कर्म के फल पर नहीं, इसलिए तू कर्म के फल की चिंता मत कर और तेरा कर्म न करने में भी आसक्ति न हो।

भगवन अर्जुन से कहते है – तेरा कर्म करने पर अधिकार है कर्म के फल पर नहीं, इसलिए तू कर्म के फल की चिंता मत कर और तेरा कर्म न करने में भी आसक्ति न हो।

मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए। जैसे, विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना, सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि। जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।

मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए। जैसे, विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना, सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि। जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।

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