
अहम् भाव ही मनुष्य में भिन्नता करने वाला है, अहम् भाव न रहने से परमात्मा के साथ भिन्नता का कोई कारण ही नहीं है।

आज जो कुछ आपका है, पहले किसी और का था और भविष्य में किसी और का हो जाएगा, परिवर्तन ही संसार का नियम है।
अहम् भाव ही मनुष्य में भिन्नता करने वाला है, अहम् भाव न रहने से परमात्मा के साथ भिन्नता का कोई कारण ही नहीं है।
आज जो कुछ आपका है, पहले किसी और का था और भविष्य में किसी और का हो जाएगा, परिवर्तन ही संसार का नियम है।