
ये आईने नही दे सकते तुम्हे तुम्हारी खूबसूरती की सच्ची ख़बर, कभी मेरी इन आँखों में झांक कर देखो की कितनी हसीन हो।

वो नकाब लगा कर खुद को, इश्क से महफूज समझते रहे, नादां इतना भी नहीं समझते कि, इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है।

आँखों मे आँसुओं की लकीर बन गई, जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई, हमने तो सिर्फ रेत में उँगलियाँ घुमाई थीं, गौर से देखा तो आप की तस्वीर बन गई।